– प्रथम सत्र में पूर्णिया विवि ने ली थी प्रवेश परीक्षा – कोविड काल के कारण प्रवेश परीक्षा की परिपाटी थम गयी – अब एक बार फिर छात्र संगठन दे रहे जोर पूर्णिया. पूर्णिया विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा कराने की मांग जोड़ पकड़ रही है. विभिन्न छात्र संगठनों ने इस मांग के पक्ष में विवि प्रशासन से कदम उठाने की आवश्यकता जतायी है. गौरतलब है कि प्रथम सत्र में यूजी में नामांकन प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही हुआ था. इसमें करीब 60 हजार अभ्यर्थियों ने ओएमआर शीट पर प्रवेश परीक्षा दी थी. हालांकि उसके बाद कोविड काल प्रारंभ हो गया और प्रवेश परीक्षा की परिपाटी रोक दी गयी. इसके बाद दोबारा विवि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. अब चूंकि नये कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह इंजीनियरिंग स्ट्रीम से आये हैं जहां प्रवेश परीक्षा का अलग महत्व है, इसलिए यूजी व पीजी में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा कराने की मांग एक बार फिर जोड़ पकड़ने लगी है. इस बार के पीजी परीक्षाफल ने भी इस दिशा में चिंता जाहिर कर दी है. दरअसल, इस बार पीजी में अंग्रेजी और फिलासॉफी के कई छात्र-छात्रा फेल हो गये हैं. जिससे योग्य छात्र-छात्राओं के चयन का दबाव भी विवि पर बढ़ गया है. प्रवेश परीक्षा को लेकर पूर्णिया विवि के मानविकी संकाय के प्रथम संकायाध्यक्ष प्रो. गौरीकांत झा ने बताया कि प्रारंभ में पूर्णिया विवि ने प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया था. चूंकि यह प्रयोग पहली बार हुआ और पहली बार में ही सबसे बड़ी परीक्षा पूर्णिया विवि ने करायी, इसलिए स्वाभाविक तौर पर कमियों पर ज्यादा ध्यान दिया गया. अगर इस प्रयोग को निरंतर कायम रखा जाता और प्रवेश परीक्षा की परिपाटी स्थापित कर दी जाती तो यह वाकई में सीमांचल की उच्च शैक्षणिक स्थिति को और सुदृढ करता. इधर, छात्र राजद के जिला अध्यक्ष मोहम्मद बिस्मिल ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि पूर्णिया विश्वविद्यालय में सभी को समान अवसर देने के लिए एक समान प्रवेश परीक्षा की व्यवस्था की जाए. प्रवेश परीक्षा के माध्यम से छात्र की योग्यता का सही आकलन हो सकेगा और किसी बोर्ड विशेष के छात्रों को अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा.
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