पप्पू यादव ने लोकसभा में बोर्ड की स्थापना को लेकर की जोरदार मांग पूर्णिया. लोकसभा में सांसद पप्पू यादव ने पूर्णिया जिले में राष्ट्रीय मखाना विकास बोर्ड की स्थापना की जोरदार मांग की. उन्होंने कहा कि बिहार का पूर्णिया जिला देश में 70 प्रतिशत से अधिक मखाना उत्पादन करता है, और यहां की मखाना उत्पादन परंपरा, गुणवत्ता, निर्यात क्षमता एवं स्थानीय किसान समुदाय की आजीविका प्रत्यक्ष रूप से इस उद्योग पर निर्भर है. इसके बावजूद, भारत सरकार ने इस बोर्ड के लिए दरभंगा को प्रस्तावित किया है, जो न केवल अन्यायपूर्ण बल्कि अव्यावहारिक भी है. पप्पू यादव ने संसद में बताया कि पूर्णिया को पहले ही भौगोलिक संकेतक (जीआइ टैग) मिल चुका है, जो इसकी विशिष्टता और क्षेत्रीय पहचान को दर्शाता है. वर्षों से यहां के किसान, उत्पादक और सहकारी समितियां मखाना उत्पादन, अनुसंधान और व्यापार के केंद्र के रूप में इस क्षेत्र की पहचान बनाए हुए हैं. उनकी मेहनत और समर्पण ने पूर्णिया को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है. उन्होंने कहा कि पीएमओ की ग्रिवांस सेल द्वारा दरभंगा को उपयुक्त ठहराना जमीनी हकीकत और तथ्यों के विपरीत है. इस निर्णय से न केवल पूर्णिया के किसानों में नाराजगी है, बल्कि यह एक सफल कृषि मॉडल को नज़र अंदाज़ करने का दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण भी है. पप्पू यादव ने बताया कि अगर इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं हुआ तो किसानों का आक्रोश और बढ़ेगा. सांसद ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे और मखाना उद्योग के विकास, किसानों के हित और उत्पादन की वास्तविकता को देखते हुए पूर्णिया में ही राष्ट्रीय मखाना विकास बोर्ड की स्थापना करे. उन्होंने कहा कि यह न केवल किसानों के लिए न्याय होगा बल्कि देश के मखाना उद्योग को भी एक सशक्त दिशा देगा.पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि पूर्णिया का भौगोलिक, ऐतिहासिक और आर्थिक योगदान मखाना उद्योग में सबसे महत्वपूर्ण है. यहां बोर्ड की स्थापना से अनुसंधान, तकनीकी नवाचार, निर्यात और किसानों की आय में भारी वृद्धि होगी, जिससे न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश को लाभ होगा.
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