पूर्णिया. पिछले दिनों जीएमसीएच में इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान हंगामा करने, डॉक्टर से अभद्र व्यवहार करने और सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने के खिलाफ केहाट थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस संबंध में केहाट थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया है. जीएमसीएच परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज एवं सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गये वीडियो के आधार पर हंगामा और दुष्प्रचार करने वालों की पहचान की जाएगी. यह कार्रवाई राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी इएनटी डॉ गोपाल कुमार झा द्वारा दिये गये आवेदन पर की गयी है. आवेदन में कहा गया है कि ड्यूटी के दौरान वे खुद, डॉ मेघा रानी, डॉ मोहम्मद जावेद, डॉ श्रेया सिंह एवं डॉक्टर दिव्यम कुमार मौजूद थे. बीते 16 अगस्त को दोपहर 3:15 बजे तीन दुर्घटनाग्रस्त मरीज को पुलिस वाहन से लाया गया था. उन तीनों अज्ञात मरीजों में दो मृत अवस्था में लाया गया था और एक गंभीर एवं अंतिम अवस्था में लाया गया था. उसकी मृत्यु 10 से 15 मिनट बाद हो गयी, जबकि उसे बचाने का पूरा प्रयास किया गया. इसके बाद तीनों शवों का पोस्टमार्टम करने के लिए पुलिस को सूचित किया गया. करीब छह बजे शाम में पोस्टमार्टम शुरू हुआ, तब तक उन अज्ञात शवों के परिजन भी पहुंच चुके थे. पोस्टमार्टम कक्ष के पास एक शव के ऊपर परिजनों के धोने के क्रम में उसके नाक एवं मुंह से खून निकला, तो वे लोग हंगामा करने लगे और कहने लगे कि मरीज जिंदा है. इसके बाद परिजन एवं कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा हंगामा करते हुए इमरजेंसी वार्ड की ओर शव को लेकर दौड़े. इस दौरान यह कहते हुए आये कि डॉक्टर को मारो, काटो, अस्पताल जला दो और डॉक्टरों का ही पोस्टमार्टम कर दो. हंगामा में सभी डॉक्टर एवं स्टाफ अपनी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे. इसके बाद हंगामा कर रहे लोगों द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मारपीट की गयी और शव को दोबारा जांच करने को कहा. शव का दोबारा जांच किया गया और बताया कि यह पहले से ही मृत है. डॉ झा द्वारा कहा गया कि ऐसी स्थिति में कोई चिकित्सक कैसे कार्य कर सकता है. इसी वजह से वह मानसिक एवं शारीरिक रूप से बहुत आहत हैं और प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं. यह अत्यंत ही दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी भी डॉक्टर की निष्ठापूर्वक कार्य को बिना किसी सत्यापन और सही तथ्य जाने मीडिया में दुष्प्रचार करना, हंगामा करना और जान से मारने की धमकी देना अत्यंत भयभीत करने वाला है. इस मामले में डा गोपाल कुमार झा द्वारा दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निवेदन किया गया है.
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