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Bihar Election 2025: लेशी सिंह मारेंगी छक्का या संतोष कुशवाहा कर देंगे क्लिन बोल्ड, ऐसे समझिए धमदाहा विधानसभा का समीकरण

Bihar Election 2025: पूर्णिया जिले का धमदाहा सीट काफी चर्चा में है. यहां से एनडीए ने पांच बार जीत हासिल कर चुकीं जदयू की लेशी सिंह और जदयू से राजद में शामिल हुए संतोष कुशवाहा को महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार बनाया है. इस कारण मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. इस हालात में पूर्णिया के संवाददाता ने लोगों के मन की थाह लेने की कोशिश की. इसके साथ ही चुनावी मुद्दे, वहां की समस्याओं और उनके मूड को समझने का प्रयास किया. पेश है विस्तृत रिपोर्ट-

Bihar Election 2025: अरुण कुमार, पूर्णिया. पूर्णिया से धमदाहा जानेवाली सड़क की दोनों ओर खेतों में पकी धान की बालियां बरबस लोगों की नजर खींच लेती हैं. कहीं धान की कटनी हो रही है, तो कहीं रबी फसलों की बोआई. खेत की मेड़ पर खड़े किसान विष्णुदेव से मेरी मुलाकात होती है. हमने पूछा क्या हाल है? उनका जवाब था किसका हाल सुनाएं? अपना या चुनाव का? दोनों का. ‘एक लाइन में कहें- किसानों को अपनी फसल की चिंता है और नेताओं को वोट की. खाद-बीज का दाम बढ़ गया है. किसी को इसकी परवाह नहीं है. सब अपने में मगन हैं. भैया अभी खेती किसानी से दम मारने की जरा भी फुर्सत नहीं है. जब वोट डालना होगा, तब सोचेंगे. धमदाहा सीट की चर्चा पूरे बिहार में है. जदयू से बागी होकर राजद में शामिल हुए संतोष कुशवाहा महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में पांच बार विधायक और मंत्री रहीं लेशी सिंह को चुनौती दे रहे हैं. वहां से आगे बढ़ते हैं.

Bihar Election 2025: बहेलिया स्थान की चाय दुकान पर चुनावी चर्चा में बोले लोग

बहेलिया स्थान पर चाय की दुकान पर चाय पीने के बहाने मैंने चुनाव पर चर्चा शुरू कर दी. वहां बैठे लोगों से पूछा, इस बार का चुनाव कैसा है? छूटते ही दुकानदार ने कहा-लगेगा कैसे ? अब चुनाव का ट्रेंड बदल गया है. झंडा-बैनर से नहीं अब ‘मैनेज’ से वोट मिलता है. इसी बीच बगल में बैठे एक युवक ने कहा- इसबार संतोष कुशवाहा के मैदान में आने से मैडम की आसान जीत थोड़ी कठिन जरूर हो गयी है. मैडम का मतलब लेशी सिंह से है. हाथ में मोबाइल थामे तीसरे युवक ने तपाक से कहा- ‘यह क्या कहेगा, इसको कुछौ मालूम नहीं है. हमलोग न जानते हैं. मैडम काम की हैं. लोगों के संपर्क में रहती हैं. उनको हिलाना मुश्किल है.’ बात आगे बढ़ी तो पूछा कि यहां जातीय समीकरण तो संतोष के साथ फिट बैठ रहा है, तब जीत किसकी होगी? ‘आप नहीं जानते हैं, मैडम का सब जाति में पकड़ है. हां इतना जरूर है कि जातीय समीकरण को जो जितना साध पायेगा, वह मैदान मार ले जायेगा.

चुप हैं वोटर, दिल में कुछ, पर मुंह में कुछ और

पूर्णिया से धमदाहा तक करीब 30 किलोमीटर के सफर में काझा हो या परोरा, मीरगंज हो या धमदाहा, हवा एक जैसी है, पर मतदाता जल्दी खुले नहीं. जो दिल में है वह जुबान पर नहीं और जो जुबान पर है वह दिल में नहीं. अंदर कुछ और बाहर कुछ और. कुछ दूर बढ़ने पर धमदाहा घाट के समीप खेत की मेड़ पर खड़े एक किसान प्रदीप सिंह से मुलाकात होती है. हमने चुनावी हवा के रुख को जानने की कोशिश की. पूछा- क्या हाल है यहां चुनाव का? हाल क्या रहेगा. हवा बन चुकी है, सिर्फ उसे सूंघने की जरूरत है. जो हवा का रुख जान लेगा वह धोखा नहीं खायेगा. हमारा अगला पड़ाव विशनपुर चौक था. चौक पर खड़े कुछ लोगों से हमने बात की. एक ने कहा-‘यहां लड़ाई आरपार की है. कुछ भी हो सकता है, जो दिखता है वो है नहीं और जो है, वो दिखता नहीं. यहां सबुकछ एक रात में पलटी खाता है. अभी सिर्फ सुनिये, भरोसा मत कीजिए.

आमने-सामने की लड़ाई में जन सुराज भी ठोंक रहा ताल

यहां लड़ाई जदयू की लेशी सिंह और राजद के संतोष कुशवाहा के बीच है. जनसुराज से राकेश कुमार उर्फ बंटी यादव इसको त्रिकोणीय बनाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं. धमदाहा के सनोज कुमार कहते हैं कि इसबार मुकाबला रोचक हो गया है. रोचक इस लिहाज से है कि यहां का नतीजा बहुत हद तक इस बात पर तय करेगा कि धमदाहा में विकास की बयार चलेगी या फिर जातीय समीकरण हावी होगी. वह कहते हैं कि अन्य सीटों की तुलना में धमदाहा इसलिए अलग है कि यहां विकास कार्य दिखता है. आप किसी गांव या टोला चले जाइये, आपको विकास का नमूना स्वत: दिख जायेगा. किसी को बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

मतदान से पहले भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का मुद्दा गायब

यहां विकास को लेकर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, लेकिन निचले स्तर पर सरकारी महकमों में व्याप्त घूसखोरी और बेरोजगारी यहां की बड़ी समस्या है. छुट्टी में घर आये युवक दीपक कहते हैं कि अब यहां सड़क, बिजली और पानी कोई मुद्दा नहीं है. इससे आगे बढ़ना होगा. अब यहां पढ़ने के लिए अच्छा स्कूल- कॉलेज होना चाहिए. स्कूल की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई के लिए युवाओं को काफी परेशानी होती है. रोजगार के लिए उद्योग लगे, तभी विकास की सार्थकता होगी.

जदयू को विकास का, तो राजद को जातीय समीकरण पर भरोसा

इस सीट पर एक तरफ जहां जदयू को विकास का सहारा है, तो राजद जातीय समीकरण के भरोसे चुनावी वैतरणी पार करने में जुटा है. जदयू का दावा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क के अलावा, पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन, आइटीआई और डिग्री कॉलेज की स्थापना, मां कामख्या स्थान को राजकीय महोत्सव का दर्जा मिलने, पटना-पूर्णिया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे धमदाहा होकर गुजरने समेत कई ऐसे बड़े काम हुए हैं. महागठबंधन के राजद को मजबूत जातीय समीकरण पर पूरा भरोसा है. राजद का दावा है कि एमवाइ समीकरण के साथ कुशवाहा समाज जीत के दावे को पुख्ता करता है.

धमदाहा विधानसभा

  • कुल मतदाता- 3,13,788
  • पुरुष मतदाता- 1,63,451
  • महिला मतदाता- 1,50,323
  • कुल प्रत्याशी-11

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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