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दम तोड़ रही जननी बाल सुरक्षा योजना

पूर्णिया : पिछले दो माह अप्रैल एवं मई में जिले में कुल 9352 संस्थागत प्रसव हुए. इसमें मात्र 5015 लोगों को ही जेबीएसवाई की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हो सकी है. इस योजना के तहत विभाग को कुल प्रसव पर 1 करोड़ 30 लाख,92हजार राशि वितरण करना था. विभाग की ओर से लगभग 34 लाख, 69हजार […]

पूर्णिया : पिछले दो माह अप्रैल एवं मई में जिले में कुल 9352 संस्थागत प्रसव हुए. इसमें मात्र 5015 लोगों को ही जेबीएसवाई की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हो सकी है. इस योजना के तहत विभाग को कुल प्रसव पर 1 करोड़ 30 लाख,92हजार राशि वितरण करना था. विभाग की ओर से लगभग 34 लाख, 69हजार 200 रुपये ही वितरण किया गया. अब जबकि जुलाई माह आरंभ हो चुका है, अब तक अप्रैल एवं मई माह का जच्चा-बच्चा राशि वितरण नहीं होने से जेबीएसवाई योजना पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं. हाल तो यह है कि अब कई प्रसूता इस प्रोत्साहन राशि की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं.

जेबीएसवाई का यह है उद्देश्य : जननी बाल सुरक्षा योजना का मुख्य उद्देश्य है जच्चा-बच्चा की सुरक्षा करना.मातृत्व मृत्युदर एवं बाल मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से प्रसूताओं को पोषण के लिए संस्थागत प्रसव में 1400 रुपये देने का प्रावधान है. इस योजना के तहत गर्भवती की देख रेख एवं सुरक्षित प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए 600 रुपये दिया जाता है. किंतु यह प्रोत्साहन राशि ऑन बेड भुगतान नहीं होने पर योजना अपने वास्तविक उद्देश्य से भटक गया है. योजना की राशि लेने के लिए प्रसूताओं को बार बार अस्पताल आना पड़ता है.
ऑन बेड राशि देने का है प्रावधान
जननी बाल सुरक्षा योजना राशि का भुगतान प्रसव के 24 घंटे के भीतर करने का प्रावधान है.किंतु होता यह है कि सदर अस्पताल में प्रसव के बाद योजना राशि के लिए प्रसूताओं को बार बार अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ती है. जानकारी अनुसार अप्रैल का भुगतान लगभग पूरा कर लिया गया है. किंतु मई तथा जून माह के प्रसूताओं में से 30 फीसदी प्रसूताओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हो पाया है. लिहाजा जेबीएसवाई की प्रोत्साहन राशि लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.यही कारण है कि राशि वितरण काउंटर में लाभुकों की भारी भीड़ देखने को मिलती है.
लापरवाही नहीं तो और क्या है यह….
जननी बाल सुरक्षा राशि वितरण में विलंब कई संकेत दे रहे हैं. प्रसवोपरांत प्रसूताओं को अस्पताल की लंबी दौड़ लगानी पड़ती है, जिससे कई प्रसूता थक हार कर राशि ही छोड़ देती है. आखिर क्या वजह है कि इन माताओं को ऑन बेड प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया जाता है. जानकार बताते हैं कि प्रसूताओं के की ओर से चढ़ावा नहीं मिलने के कारण ही इन प्रसूताओं को प्रोत्साहन राशि देने में विलंब किया जाता है. जो प्रसवोपरांत चढ़ावा देते हैं ,
उन्हें तुरंत प्रोत्साहन राशि दे दी जाती है.
योजना के तहत विभाग को कुल प्रसव पर 1 करोड़ 30 लाख, 92 हजार की राशि का करना था वितरण
अब तक िवभाग की ओर से महज 34 लाख, 69 हजार 200 रुपये का ही किया गया है वितरण
प्रसव की स्थिति
व भुगतान
अस्पताल प्रसव भुगतान
श्रीनगर 465 024
जलालगढ़ 439 571
कसबा 679 857
भवानीपुर 578 165
बनमनखी 1258 675
डगरुआ 710 280
बैसा 561 044
बायसी 605 028
रुपौली 646 435
अमौर 689 714
बी कोठी 506 232
के नगर 521 082
धमदाहा 698 857
स अस्पताल 997 510
कुल 9352 5015

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