पूर्णिया : इस वर्ष होली का राजस्थानी रंग अब परवान चढ़ने लगा है. सोमवार को गुलाबबाग में माहेश्वरी महिला मंडल ने लड्डू गोपाल (भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप ) संग इत्र गुलाल और गुलाबजल के साथ होली खेली और राजस्थानी फाग के गीतों पर जमकर नृत्य किया.
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श्याम नगरी में उड़े गुलाल, कान्हा संग गोपियों ने खेली होली
पूर्णिया : इस वर्ष होली का राजस्थानी रंग अब परवान चढ़ने लगा है. सोमवार को गुलाबबाग में माहेश्वरी महिला मंडल ने लड्डू गोपाल (भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप ) संग इत्र गुलाल और गुलाबजल के साथ होली खेली और राजस्थानी फाग के गीतों पर जमकर नृत्य किया. एक तरफ जहां खाटू श्याम मंदिर में आगामी […]
एक तरफ जहां खाटू श्याम मंदिर में आगामी सोलह और सत्रह मार्च को भव्य होली का कार्यक्रम है तो दूसरी तरफ राजस्थानी समाज के युवा होली में चंग और झाल मंजीरों के साथ होली प्रारम्भ कर शहर में होली के त्यौहार में चार चांद लगा रहें है.
पहले जहां मारवाड़ी समाज की होली में राजस्थानी होली के कई रंग रूप दिखते थे वहीं अब बाईट के वर्षों से बृज की होली का रंग भी खूब भाने लगा है. इस वर्ष भी खाटू श्याम मंदिर में होली की तैयारी पूरी कर ली गयी है.
खाटू श्याम मंदिर में दिखेगा ब्रज का रंग रूप : सदियों पुरानी ब्रज की होली की परंपरा आज भी जीवंत है. इस वर्ष खाटू श्याम मंदिर में होली को लेकर खास तैयारी दिख रही है. आधुनिकता के बावजूद ब्रज की राधा कृष्ण का प्रेम और नटखट कृष्ण कन्हैया और श्री राधा रानी की प्रेम भरी होली आज भी जनमानस के मन मस्तिक पर अमिट छाप की तरह हमेशा के लिये बनी हुई है.
कान्हा की मधुर बांसुरी की धुन और राधा रानी के नूपुरों की झंकार और उनके नृत्य की अनोखी प्रतुति के लिए कोलकाता से रास रंग की होली प्रस्तुत करने वाले कलाकारों को खाटू श्याम मंदिर में बुलाया गया है. मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अजय खेमका ने बताया कि सोलह मार्च और सत्रह मार्च को खाटू श्याम मंदिर में ब्रज की होली का आयोजन अलौकिक और अद्धभुत होगी .
माहेश्वरी महिला मंडल ने कान्हा संग खेली होली,उड़ा इत्र गुलाल : होली का त्योहार आते ही गुलाबबाग के फिजा में राजस्थानी होली का गीत संगीत बजने लगता है. हर घर मे बरसाने और नंद की गलियों के रास रंग का गवाह बनने लगता है. खासकर राजस्थानी समाज इस तरह की होली का खूब आनंद उठता है.
सोमवार को गुलाबबाग माहेश्वरी महिला मंडल की महिलाओ ने लड्डू गोपाल (भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप ) के साथ होली खेली. इस दौरान माहेश्वरी महिलाओ ने भगवान कृष्ण को रिझाया और उनके समक्ष राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत कर गुलाल और इत्र के साथ होली का लुफ्त उठाया.
विदित हो कि गुलाबबाग के श्याम भक्तो के घरों में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना होती है वही बाबा रामदेव जी और खाटू श्याम बाबा को भी कलयुग का कृष्ण माना जाता है. मारवाड़ी समाज होली का शुभारंभ कृष्ण के साथ पुष्प इत्र और गुलाबजल से होली का प्रयोजन कर होली का शुभारंभ करते हैं.
माहेश्वरी महिला मंडल की अध्यक्षा संतोष बजाज और सचिव प्रभा सारडा ने बताया कि कान्हा संग होली के बाद अब गणगौर महोत्सव की तैयारी में जुटे हैं.
बजने लगा चंग मृदंग
खाटू श्याम और कृष्ण के साथ होली की शुरुवात के बाद बरसाने नन्दगांव की होली की तरह ही गुलाबबाग में चारों ओर होली का सतरंगी रूप निखर उठता है .चारों तरफ अलग अलग ढंग से होली खेलने की परम्परा शुरू हो जाती है.गुलाबबाग के होली का खास बात यह है कि यहां बड़ी ही सलीके से मारवाड़ी समाज अपनी परंपरागत होली की कला और मस्ती को आत्मसात करता है .
यह युवाओं की टोली और बुजुर्गों के बीच की उम्र की दूरी सिमट जाती है और पुरुष महिला के लिवास में घरों में राजस्थानी फाग के गीतों पर नृत्य करते ठिठोली और चंग के आवाज पर मधुर राजस्थानी गीतों की स्वरलहरी पर झूमते है इस दौरान न तो होली का हुड़दंग न कोई फिक्र सिर्फ होली की मस्ती दिखती है. होली कमेटी गुलाबबाग के चंग की आवाज भी फिजा में गूंजेगी.
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