31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

किशोरावस्था में भागकर शादी करने की घटनाएं बढ़ीं

पूर्णिया : किशोरावस्था में घर से भागकर विवाह करने की घटना में इन दिनों काफी इजाफा हुआ है. इसके पीछे जेनरेशन गैप को जवाबदेह माना जा रहा है. हाल ही में सीमांचल के इलाके में कराये गये एक सर्वेक्षण से यह तथ्य उभर कर सामने आया है. सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि […]

पूर्णिया : किशोरावस्था में घर से भागकर विवाह करने की घटना में इन दिनों काफी इजाफा हुआ है. इसके पीछे जेनरेशन गैप को जवाबदेह माना जा रहा है. हाल ही में सीमांचल के इलाके में कराये गये एक सर्वेक्षण से यह तथ्य उभर कर सामने आया है. सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि पिछले तीन सालों में घर से भाग कर शादी करने वाले किशोरियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. तीन साल पूर्व जहां ऐसे किशोरियों की संख्या 112 थी, वहीं अब बढ़कर 148 पर पहुंच गयी है.

सभी वैसे मामले हैं जिसमें पीड़िता को चिकित्सीय जांच अथवा बयान के पूर्व अल्पवास गृह में रखा गया है. अल्पवास गृह विभिन्न स्रोतों से भेजी जाने वाली पीड़ित महिला के बारे में भी कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि जब कोई किशोरी अपनी मनमर्जी से शादी करती है तो आमतौर पर अंतरजातीय या अंतरवर्गीय होता है. ऐसे रिश्ते को अधिकांश माता-पिता कबूल नहीं कर पाते. नतीजतन मामला थाना पहुंच जाता है. अभिभावक की शिकायत पर पुलिस भागने वाली किशोरी को बरामद कर लेती है. बाद में कोर्ट में की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज कराया जाता है.

सर्वेक्षण में पाया गया है कि बयान दर्ज कराने के बाद लगभग 42 फीसदी लड़की अपने माता-पिता के घर जाने की बजाय ससुराल जाना पसंद करती है. इसके लिए यथा उम्र दो या तीन साल अल्पवास गृह में जाना चाहती है, ताकि वह अल्पवास से निकलकर सीधे अपने पति के घर जा सके.

सरकार की योजना. बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत महिला हेल्प लाइन एवं अल्पवास गृह जैसी योजनाओं संचालन किया जा रहा है, जिसमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना मानव व्यापार आदि की शिकार महिलाओं की समस्याओं का निराकरण किया जाता है. पूर्णिया जिले में अल्पवास का संचालन जिला प्रशासन और दीपालय मानसिक स्वास्थ्य एवं विकलांग पुनर्वास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संचालित है.
घर से भाग कर विवाह करने से संबंधित मामलों की संख्या-173
ससुराल से भाग कर प्रेम विवाह का मामला- 04
दहेज प्रताड़ना- 01
बलात्कार की पीड़िता-14
मानव व्यापार-02
घरेलू हिंसा-04
सर्वेक्षण करनेवाली एजेंसी का मानना है कि एकल परिवार की वजह से यह स्थिति पैदा हो रही है. दरअसल अधिकांश अभिभावकों के रोजगार या नौकरी पेशा में उलझे रहने से अपने बच्चों के पास समय कम दे पाते हैं. इसे लोग जेनरेशन गैप का नाम दे रहे हैं. इस जेनरेशन गैप को बढ़ाने में मोबाइल, टीवी आदि का भी कम योगदान नहीं है. ऐसे देखा जा रहा है कि किशोरावस्था में आते ही बच्चे अपना निर्णय स्वयं लेना चाहते हैं. उन्हें जीवन कौशल के संबंध में किसी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं होता. लेकिन उनकी सोच यह होती है कि उनका निर्णय सही है और यहीं से उसके भटकाव की शुरुआत हो जाती है.
परामर्श कक्षाओं का कराया जाये आयोजन
यह प्रत्येक विद्यालय की आवश्यकता है कि वह अपने विद्यालय के छात्रों का सुनिश्चित समय अंतराल पर परामर्श कक्षाओं का आयोजन करे. जिसमें जीवन कौशल प्रशिक्षण एवं व्यावसायिक कौशल की पहचान के लिए बच्चों को प्रेरित किया जाये. विद्यालय में लैंगिक समानता, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर खुली चर्चा हो. यह समय की मांग है.
डा एके रमण, सचिव, दीपालय सह नियंत्री पदाधिकारी अल्पवास गृह पूर्णिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें