पूर्णिया, सत्येंद्र सिन्हा गोपी : शहर में खादी मॉल निर्माण की रफ्तार कछुआ चाल से भी धीमी हो गयी है. तीन साल पहले ही इसका निर्माण कार्य पूरा कर खादी मॉल के सपने को साकार किया जाना था, पर विडंबना है कि यहां का निर्माण कार्य पूर्ण रूप से बंद पड़ा है. निर्माण कार्य को लेकर एक ओर खड़े ढांचे को बाहर बांस से चारों तरफ घेर दिया गया है, लेकिन कार्य कुछ भी नहीं किया जा रहा है. वैसे, अंदर के कुछ हिस्सों में लकड़ियों से इंटीरियर का कार्य दिख रहा है, पर अभी वह भी बंद है. कुल मिलाकर सभी तरफ आधा-अधूरा काम ही हो सका है. वैसे, निर्माण कार्य की लेटलतीफी के बाद भी इसके जनवरी 2024 में तैयार हो जाने की उम्मीद की जा रही थी.
2022 में ही इसका निर्माण पूरा किया जाना था
राज्य सरकार की पहल पर पटना के तर्ज पर पूर्णिया में भी खादी मॉल की नींव डाली गयी. यह मॉल शहर के गांगुली पाड़ा स्थित बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के बेहद पुराने और खंडहरनुमा कार्यालय भवन को तोड़कर बनाया जा रहा है. इसके पीछे सोच यह रही कि मॉल खुलने से न सिर्फ खादी व ग्रामोद्योग से जुड़े लोगों को फायदा होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि आएगी और रोजगार का भी सृजन होगा. हालांकि 2022 में ही इसका निर्माण पूरा किया जाना था. शहरवासियों को यह उम्मीद थी कि अब जल्द ही वे अपने शहर में ही पसंदीदा खादी के कपड़े खरीद पाएंगे, पर उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
इन्फ्राटेक ने किया है इमेजिनेशन
वर्ष 2019 के लगभग आखिरी महीने में पटना के तर्ज पर पूर्णिया में खादी मॉल के निर्माण का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था. इसका डीपीआर विभागीय स्तर पर इमेजिनेशन इन्फ्राटेक प्रालि ने बनाया है. मालूम हो कि जिला खादी ग्रामोद्योग कार्यालय के पास 25 डिसमिल जमीन उपलब्ध है, जहां पूर्व से जर्जर भवन को तोड़कर खादी मॉल का निर्माण कराया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य में लगी कंपनी मुजफ्फरपुर और पूर्णिया दोनों ही जगहों पर एक साथ निर्माण कार्य कर रही थी, लेकिन हाल यह है कि पूर्णिया का यह खादी मॉल अपनी पूर्णता की राह देख रहा है.
तीन तलों पर मॉल का अलग-अलग दिखेगा स्वरूप
यहां उपलब्ध जमीन का कुल क्षेत्रफल 8,974 वर्ग फीट है. ग्राउंड समेत तीन तलों में बननेवाले खादी मॉल का कुल बिल्टअप एरिया 16,800 वर्ग फीट तय किया गया. योजना के मुताबिक मॉल के प्रथम तल का क्षेत्रफल 3,777 वर्ग फीट होगा, जिसमें साड़ी सेक्शन, रेडीमेड गार्मेंट्स, क्लोथ रीम सेक्शन और कैश काउंटर बनेगा. मॉल के दूसरे तल पर मीटिंग रूम, गोदाम और तीसरे तल पर तीन मल्टीपर्पस हॉल का निर्माण होगा. इतना ही नहीं मॉल की चहारदीवारी के लिए 60 लाख का बजट भी बनाया गया.
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा भी ले चुके हैं जायजा
बीते वर्ष सितंबर माह में उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा जिले में उद्योग को लेकर कई स्थानों का विजिट कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने बियाडा स्थित विभिन्न औद्योगिक गतिविधियों के अतिरिक्त निर्माणाधीन इस खादी मॉल का भी मुआयना किया था. खास तौर पर उन्होंने मॉल परिसर में वाहनों के पार्किंग को लेकर भी कुछ निर्देश के अलावा इसे जल्द पूरा करने का निर्देश दिया था. खादी मॉल को लेकर संपूर्ण जिलेवासियों को उत्साह के साथ-साथ उम्मीद भी थी कि मॉल खुलने से न केवल खादी के विभिन्न उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रेशमी एवं अन्य स्थानीय उत्पादों का भी लाभ मिलेगा. इसके निर्माण से खादी के विभिन्न उत्पाद के साथ-साथ जिले में उत्पादित अन्य सामग्री की बिक्री एवं प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी. लोगों को इस बात का भी भरोसा है कि खादी मॉल खुलने से सीमांचल और इसके आसपास के अन्य जिलों में हाथों के हुनर को नया बाजार भी मिलेगा. पर, इसके रुक-रुक कर चलनेवाले निर्माण की गति को देखकर लोगों का उत्साह ठंडा पड़ता जा रहा है.
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शर्तों के लिए निर्माता कंपनी जवाबदेह
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संजीव कुमार ने इस संबंध में पूर्व में ही बताया था कि खादी मॉल के निर्माण संबंधी सभी कार्य मुख्यालय स्तर से हो रहे हैं. उनका दायित्व चल रहे निर्माण कार्य का सिर्फ जायजा लेना है. निर्माण कार्य से लेकर निर्माण अवधि एवं अनुबंध शर्तों के लिए निर्माता कंपनी ही जवाबदेह है.