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नेपाल सीमा पर कमजोर नेटवर्क बना चुनौती, चुनाव से पहले सतर्क हुई बिहार पुलिस

नेपाली सिग्नल हावी होने से संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने और घुसपैठियों को फायदा पहुंचने की आशंका

नेपाली सिग्नल हावी होने से संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने और घुसपैठियों को फायदा पहुंचने की आशंका संवाददाता, पटना विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बिहार पुलिस ने नेपाल से सटे थानों की नेटवर्क समस्या पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है. पुलिस मुख्यालय ने ऐसे थानों की सूची तैयार करायी है, जहां मोबाइल नेटवर्क या तो बेहद कमजोर है या फिर नेपाली सिग्नल हावी हो जाते हैं. इस स्थिति को सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा माना जा रहा है, क्योंकि संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने और घुसपैठियों को फायदा पहुंचने की आशंका रहती है. नेपाल सीमा से जुड़े जिलों खासकर अररिया, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, बांका, भागलपुर, जमुई और लखीसराय में यह समस्या सबसे ज्यादा है. कई थानों में मोबाइल फोन बिल्कुल काम नहीं करते, जिससे पुलिसकर्मियों को आपात स्थिति में भी संचार स्थापित करने में कठिनाई होती है. मुख्यालय की योजना के तहत टेलीकॉम कंपनियों के सहयोग से सीमा पर नये टावर लगाये जायेंगे और जरूरत पड़ने पर वायरलेस सिस्टम को अपग्रेड किया जायेगा. एक सितंबर से सभी थानों के मोबाइल नंबर भी बदले जा चुके हैं ताकि संपर्क सुगम हो सके. नेपाल के साथ करीब 729 किलोमीटर लंबी खुली सीमा के कारण बिहार पुलिस अतिरिक्त सतर्क है. हालिया घटनाओं और सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए मजबूत नेटवर्क व्यवस्था को घुसपैठ रोकने और चुनावी निगरानी के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है. मुख्यालय का दावा है कि शैडो जोन की सूची जल्द पूरी कर सुधार कार्य तुरंत शुरू होगा. इससे न केवल सीमाई निगरानी मजबूत होगी, बल्कि अपराध नियंत्रण और चुनावी सुरक्षा भी और अधिक पुख्ता हो जायेगी.

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