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2005 के बाद दो कृषि विवि और नौ कॉलेज खुले, 1983 से 2004 तक एक भी नहीं

राज्य में 2005 के बाद और 2005 के पहले के विकास पर रार छिड़ी है. एनडीए और महागठबंधन के दलों में इस पर बहस जारी है.

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मनोज कुमार, पटनाराज्य में 2005 के बाद और 2005 के पहले के विकास पर रार छिड़ी है. एनडीए और महागठबंधन के दलों में इस पर बहस जारी है. सड़क से लेकर सदन तक इसी पर तकरार हो रही है. इस विमर्श के बीच कृषि विभाग की ओर से एक रिपोर्ट तैयार की गयी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 2005 के बाद दो कृषि विश्वविद्यालय और नौ कॉलेज खुले हैं. जबकि 2005 के पहले राज्य में एक कृषि विश्वविद्यालय और आठ कृषि कॉलेज थे. इसमें भी दो आजादी के पहले के और दूसरे अन्य 1983 के पहले के हैं. चावल और गेहूं का उत्पादन ढाई गुना से अधिक बढ़ गया है. वर्ष 1905 से एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट पुसा, 1908 से बिहार एग्रीकल्चर सबौर और 1960 से तिरहुत एग्रीकल्चर कॉलेज धोली, मुजफ्फरपुर स्थापित हैं. 1970 में राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, 1981 में कॉलेज ऑफ बेसिक साइंस एंड ह्यूमिनिटि्स पुसा समस्तीपुर, 1982 में कॉलेज ऑफ कम्युनिटी साइंस पुसा समस्तीपुर और 1983 में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी पुसा समस्तीपुर की स्थापना हुई. 2006 में कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर नूरसराय नालंदा, 2007 में मंडल भारती एग्रीकल्चर कॉलेज सहरसा, 2011 में भोला पासवान शास्त्री एग्रीकल्चर कॉलेज पूर्णिया, 2011 में वीर कुंवर सिंह एग्रीकल्चर कॉलेज डुमरांव स्थापित हुआ. 2015 में डॉ कलाम एग्रीकल्चर कॉलेज किशनगंज, 2018 में स्कूल ऑफ एग्री बिजनेस एंड रूरल मैनेजमेंट, पुसा समस्तीपुर, 2018 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री पूर्वी चंपारण, 2021 में कॉलेज ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, सबौर भागलपुर 2021 में कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग भागलपुर, 2021 में कॉलेज ऑफ एग्री बिजनेस मैनेजमेंट भागलपुर और 2022 में कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री मुंगेर की स्थापना हुई. 2018 में बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी भागलपुर और 2016 में डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी स्थापित हुई.

2005 में चावल का उत्पादन 26.25 लाख तो 2024 में बढ़कर 95.23 लाख एमटी हुआ

: वर्ष 2004-05 में चावल का उत्पादन 26.25 लाख एमटी था. वर्ष 2023-24 में बढ़कर 95.23 लाख एमटी हो गया. कुल 262 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. गेहूं का उत्पादन वर्ष 2024-25 में 32.79 लाख एमटी था. वर्ष 2023-24 में बढ़कर ये 73.07 लाख एमटी हो गया. गेहूं के उत्पादन में लगभग 122 फीसदी की वृद्धि हुई है. वर्ष 2024-05 में चावल, गेहूं और मक्का मिलाकर 79.06 लाख एमटी उपज रहा था. वर्ष 2023-24 में ये बढ़कर 231.15 लाख एमटी हो गया.

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