प्रतिनिधि, फुलवारीशरीफ नये परिसीमन लागू होने के बाद फुलवारीशरीफ नगर परिषद का शहरी नक्शा पूरी तरह बदल जायेगा. शहरी क्षेत्र का विस्तार होने से जहां नगर परिषद के वार्डों की संख्या 28 से बढ़कर 38 हो गयी है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में आने वाली चार पंचायतों का दायरा छोटा हो गया है. इस बदलाव के बाद शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के निवासियों का पता, वार्ड नंबर और प्रशासनिक पहचान बदल जायेगी. सरकारी स्तर पर यह परिसीमन तेजी से बढ़ती आबादी और एम्स पटना जैसे बड़े संस्थानों के प्रभाव को देखते हुए किया गया है. नये परिसीमन के तहत नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार कर आसपास के इलाकों को शहरी दायरे में शामिल किया गया है. इससे शहरी आबादी में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है. पहले नगर परिषद में कुल 28 वार्ड थे, अब संख्या हुई 38 पहले फुलवारीशरीफ नगर परिषद में कुल 28 वार्ड थे, लेकिन नए परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या 38 हो गयी है. इसके साथ ही पुराने वार्डों के नंबर भी बदल दिए गये हैं. नए परिसीमन में कुरकुरी, नोहसा और भुसौलादानापुर पंचायतों के कुछ हिस्सों को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किया गया है, जिससे इन पंचायतों का क्षेत्रफल घट गया है. नये परिसीमन के तहत नगर परिषद के वार्डों की चौहद्दी, एससी-एसटी और अन्य वर्गों की आबादी का भी पुनर्निर्धारण किया गया है. वार्ड संख्या 1 से लेकर 22 तक के क्षेत्रों की सीमाएं तय कर दी गयी हैं, जिनमें नेऊरा-दनियावां रेलवे लाइन, एम्स क्षेत्र, पटना-खगौल रोड, जानीपुर रोड, राष्ट्रीय गंज, हारून नगर, खानकाह रोड, इसापुर और आसपास के कई मोहल्ले शामिल हैं. परिसीमन का सीधा असर वर्तमान वार्ड पार्षदों पर भी पड़ेगा, क्योंकि कई पार्षदों की वार्ड पहचान और क्षेत्र बदल जाएंगे. वहीं आम नागरिकों को भी नए वार्ड नंबर और पते के अनुसार अपने दस्तावेजों में संशोधन कराना पड़ सकता है. नगर परिषद से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि परिसीमन का उद्देश्य शहरी सुविधाओं का बेहतर विस्तार, प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूत करना और तेजी से बढ़ती आबादी को व्यवस्थित ढंग से शहरी सेवाएं उपलब्ध कराना है. आने वाले समय में नए वार्डों के अनुसार विकास योजनाओं और मूलभूत सुविधाओं का खाका भी तैयार किया जायेगा.
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