मद्यनिषेध एवं राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का किया गया गठन संवाददाता, पटना राज्य सरकार ने किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों और शराब तस्करी पर नकेल कसने के लिए एक नयी इकाई का गठन कर दिया है. इस इकाई का नाम ‘मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो’ रखा गया है. गृह विभाग ने इसकी स्वीकृति देते हुए अधिसूचना जारी कर दी है. यह ब्यूरो अब तक पुलिस मुख्यालय में कार्यरत मद्यनिषेध इकाई और आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की मद्यनिषेध इकाई को एकीकृत कर काम करेगा. डीजी (मुख्यालय सह अभियान) कुंदन कृष्णन ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि यह विशेष इकाई दिसंबर से पूरी तरह से संचालन शुरू कर सकती है. मादक पदार्थों और शराब तस्करी के अवैध नेटवर्क को जड़ से खत्म करना ही इस इकाई का मुख्य उद्देश्य है. इस नयी इकाई के लिए कुल 329 पद स्वीकृत किये गये हैं. इनमें से 229 पद पहले से कार्यरत मद्यनिषेध इकाई से स्थानांतरित किए जायेंगे, जबकि 100 अतिरिक्त पद सृजित किये गये हैं. 100 नये पद किये गये सृजित : एडीजी एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा कि इस ब्यूरो का एक विशेष थाना होगा, जिसका कार्यक्षेत्र पूरा राज्य होगा. इसका नेतृत्व एडीजी या आइजी स्तर के अधिकारी करेंगे. इसके अलावा दो एसपी पद होंगे, जिनमें एक एसपी (मद्यनिषेध) और दूसरा एसपी (नारकोटिक्स) होंगे. साथ ही 18 डीएसपी, 48 इंस्पेक्टर, 50 दारोगा और पर्याप्त संख्या में सिपाही तैनात किए जायेंगे. उन्होंने बताया कि मुख्यालय स्तर से ही जांच कराने के लिए डीएसपी की संख्या अधिक रखी गयी है. एडीजी मुख्यालय सह अभियान ने बताया इस मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के गठन के पीछे मुख्य मकसद राज्य में मादक पदार्थों और शराब तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करना है. चरस, गांजा समेत अन्य मादक पदार्थों, स्वापक औषधियों के साथ ही सभी तरह के नारकोटिक्स ड्रग्स से संबंधित मामलों का निबटारा इसके तहत किया जायेगा. हाल में चरस एवं गांजा के नेटवर्क को खंगालने पर इसके तार नेपाल और राजस्थान से मिले हैं.
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