जातीय जनगणना को लेकर बिहार में सियासत एक बार फिर से गरमायी हुई है. इस मामले में राजद ने अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर हमला किया है. दरअसल कुछ दिनों पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था की हमारे लिए दो ही जातियां है अमीर और गरीब. हम किसी की जाती और धर्म को देखकर योजनाएं तैयार नहीं करते.
राजद ने दी नाम बदलने की नसीहत
इसी बयान के बाद राजद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर पलटवार करते हुए कहा की "तो ऐसा है जायसवाल साहब! फिर अपना नाम “संजय अमीर” या “संजय गरीब” रख लीजिए, अगर जाति में यकीन नहीं है तो इस “जायसवाल” नाम के बोझ तले क्यों दबे हुए हो? क्या यह सत्य नहीं है, आपकी जाति देखकर ही आपको BJP का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है? अपना ज्ञान भक्तों में बाँटिए यहाँ सब शिक्षित है."
संजय जायसवाल का पलटवार
राजद के ट्वीट के बाद संजय जायसवाल ने पलटवार करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा: "सही है भाई, जिनको गरीब कल्याण की कोई योजना ही नहीं चलानी हो वह गरीबों की जानकारी लेकर करेंगे भी क्या? वैसे मेरे ऊपर की गई इस टिप्पणी के आखिरी वाक्य का मैं पूर्ण समर्थन करता हूँ."
भाजपा नेता ने एक और ट्वीट कर कहा की "वैसे अगर कभी गलती से आपका राज आया तो यह डाटा आपके चमचों को बताएगा कि किस घर से बच्चे उठाने हैं और किस घर से बेटी, मुर्गी और खस्सी. कभी अकेले मेरे जिले के किसी झोपड़ी में जाइए. आपको समझ में आ जाएगा कि आपके राज में मेरे जिले पश्चिम चंपारण को मिनी चंबल क्यों कहा जाता था"
जनगणना को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर
बता दें की बिहार में लंबे वक्त से जातिगत जनगणना कराने की मांग की जा रही है. मामले में सीएम नीतीश कुमार ने भी कहा कि केंद्र सरकार इसे नहीं करेगी लेकिन राज्य सरकारों को इसकी अनुमति दी गयी है. हम बिहार के लोगों की राय लेने बाद इस मामले में आगे काम करेंगे. पर अभी तक इस मामले में कोई भी पहल नहीं की गई है जिस कारण से विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ है.
राजद को अन्य पार्टियों का भी समर्थन
गौरतलब है की राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले में बिना किसी विलंब के जातिगत जनगणना की मांग की है. उन्होंने बिहार से दिल्ली तक पदयात्रा करने की बात तक की है. इसके साथ ही इस मुद्दे पर राजद को वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी का भी समर्थन मिला हुआ है.
Published By: Anand Shekhar