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बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा समाप्त, जानिए कब आएगा रिजल्ट और क्या रहा खास

बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ऌ जा रही परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गई. इस दौरान आधुनिक तकनीक की मदद से विभिन्न केंद्रों से 43 नकलचियों को पकड़ा गया. इस परीक्षा का परिणाम आयोग द्वारा दो चरणों में जारी किया जा सकता है.

Bihar Teacher Recruitment Exam: बीपीएससी की ओर से 1.70 लाख शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गयी. शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट दो चरणों में आने की संभावना है. पहले चरण का रिजल्ट 20 से 25 सितंबर के बीच आयेगा. परीक्षा में उपस्थिति को देखते हुए उच्च माध्यमिक के लिए एक सीट के लिए 0.64 दावेदार, माध्यमिक के लिए परीक्षा के बाद एक सीट के लिए 1.8 दावेदार  और प्राथमिक के लिए एक सीट के लिए 6.55 अभ्यर्थी दावेदारी हैं.

किस पद पर कितने दावेदार…

तीन दिनों तक चलने वाली परीक्षा में सबसे कम परीक्षार्थी उच्च माध्यमिक के लिए रहे. इसमें 57602 पद के लिए 39680 अभ्यर्थियों को शामिल होना था, लेकिन परीक्षा के दौरान उपस्थिति 93% रही. यानी करीब 36,902 परीक्षार्थी उपस्थिति हुए. इस अनुसार एक सीट के लिए 0.64 दावेदार हैं. यानी हर एक अभ्यर्थी के लिए करीब दो सीटें रिक्त हैं. माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए परीक्षा के बाद एक सीट के लिए 1.80 दावेदार हैं. परीक्षा के लिए 34916 रिक्त सीटों के लिए 65500 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, लेकिन उपस्थिति करीब 62928 की रही. सबसे अधिक दावेदार प्राथमिक के लिए हैं. वैसे परीक्षा के बाद दावेदार कम हुए हैं. परीक्षा से पहले एक सीट के लिए 9.36 अभ्यर्थी दावेदार थे. लेकिन परीक्षा में 79943 सीट के लिए 748900 में से करीब 524230 अभ्यर्थी परीक्षा में उपस्थित हुए. इस कारण एक सीट के लिए 6.55 अभ्यर्थी दावेदारी कर रहे हैं.  

तीसरे दिन सात नकलची पकड़े गये

बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा 23 से 26 अगस्त के बीच राज्य के 38 जिलों के 876 केंद्रों पर आयोजित की गयी. इस परीक्षा में आठ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. बीपीएससी के सचिव रवि भूषण ने कहा कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 के अंतिम दिन शनिवार को राज्य के चार जिलों में दो पालियों में 110 केंद्रों पर कुल 84500 अभ्यर्थी शामिल हुए. उपस्थिति करीब 75% रही. तीसरे दिन कुल सात नकलची की पहचान की गयी. इसमें छह की पुष्टि हुई और सातवें की जांच चल रही है.

दो चरणों में जारी होगा रिजल्ट

बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि डीएलएड और बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक शिक्षकों का मेरिट लिस्ट एक साथ ही बनेगा. लेकिन डीएलएड डिग्रीधारियों का रिजल्ट 20 से 25 सितंबर के बीच में आयेगा. इसी प्रथम चरण में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों का रिजल्ट भी आ जायेगा. इसी के साथ सफल अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी शुरू हो जायेगा. बीएड डिग्रीधारियों का रिजल्ट तब तक नहीं आयेगा जब तक उनकी पात्रता संबंधी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो जाती है. अतुल ने यह भी कहा कि यदि 20 से 25 सितंबर तक स्थिति स्पष्ट हो जाती है, तो दोनों को रिजल्ट एक साथ भी प्रकाशित किया जा सकता है.

नकल रोकने के लिए उच्च तकनीक का किया गया प्रयोग

बीपीएससी के सचिव रवि भूषण ने कहा कि परीक्षा के दौरान तीन स्तर की सुरक्षा प्रणालियां लागू की गयी. परीक्षा के दौरान केंद्र, जिला स्तर और बीपीएससी कमांड कंट्रोल सेंटर पर लाइव सीसीटीवी निगरानी से की गयी. इसके अलावा दूसरे के बदले परीक्षा देने से रोकने के लिए दो चरण में बायोमेट्रिक जांच भी की गयी. जहां एडमिट कार्ड और ओएमआर शीट को उम्मीदवार की उंगलियों के निशान और चेहरे की पहचान के साथ डिजिटल रूप से शामिल किया गया था. इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हर सेंटर पर फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी से जांच की गयी.

 तीन दिनों में 43 नकलचियों की पहचान की गयी

सचिव रवि भूषण ने कहा कि तीन दिनों की परीक्षा में कुल 43 नकलचियों की पहचान की गयी और उनमें से 16 उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई की गयी, जिनका बायोमेट्रिक डेटा पूरी तरह से बेमेल पाया गया है. उच्च सुरक्षा मानकों और तकनीकी उन्नति के साथ, व्यावसायिक परीक्षा के आयोजन में सफलता प्राप्त की जा सकती है. आने वाले समय में भी बीपीएससी ऐसे सुरक्षा के साथ सभी परीक्षाएं लेगा यह प्राथमिकताओं में शामिल रहेगी.

पटना जंक्शन पर उमड़ी भीड़, जनरल और स्लीपर में पैर रखने की जगह नहीं

बीपीएससी की ओर से ली गयी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गयी. परीक्षा में शामिल होने आये अभ्यर्थियों की भीड़ के चलते पटना जंक्शन, पाटलिपुत्र व दानापुर रेलवे स्टेशनों पर व्यवस्था गड़बड़ा गयी. ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं थी. खासकर दोपहर 12 बजे परीक्षा छूटने के बाद पटना जंक्शन पर अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी. जनरल और स्लीपर कोच में पैर रखने की जगह न मिली तो अभ्यर्थी एसी कोच में घुस गये. ट्रेन में चढ़ने के लिए मारामारी हुई. सबसे ज्यादा दिक्कत युवतियों को हुई.

एसी कोच में भी अभ्यर्थियों की भीड़

पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर चार पर आयी ब्रम्हपुत्रा मेल, राज्यरानी, पटना गया और पटना दीनदयाल उपाध्याय मेमू सवारी गाड़ियों में काफी भीड़ बढ़ गयी. आलम यह था कि जिन यात्रियों को स्टेशन पर उतरना था, उन्हें उतरने के लिए जूझना पड़ा. बड़ी मुश्किल से वे स्टेशन पर उतर पाये. ट्रेन रुकते ही कोच में चढ़ने के लिए गेट पर अभ्यर्थियों की भीड़ लगी थी. जब जनरल और स्लीपर कोच में जगह न मिली तो एसी कोच में अभ्यर्थियों की भीड़ चढ़ गयी. एसी कोच में चढ़ने के लिए भी जम कर मारामारी की नौबत आ गयी. भीड़ के आगे जीआरपी और आरपीएफ भी बेबस नजर आयी. भीड़ का नजारा रात आठ बजे तक देखने को मिला.

किसी भी राज्य में 1.70 लाख शिक्षकों की नहीं निकाली भर्ती : तेजस्वी

उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि केंद्र की सरकार विकास नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा भूल जाती है कि केंद्र की सरकार दो करोड़ रोजगार देने चली थी, उसका क्या हुआ ? यहां हम लोग पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे रहे हैं. यह संख्या लगभग तीन-चार विभाग से ही तैयार हो गयी है. 1.70 लाख लोगों की बहाली एक साथ देश भर में किसी भी राज्य से नहीं निकाली गयी है, हम लोग दे रहे हैं. 10 लाख नौकरी का जो वादा किया है, उसको भी पूरा करेंगे.

शिक्षकों की भर्ती होने तक कमी वाले स्कूलों में छात्रों को पढ़ायेंगे गेस्ट टीचर

सरकारी स्कूलों में जहां, शिक्षकों की कमी है, वहां नियमित भर्ती होने तक आउट सोर्सिंग के हवाले गेस्ट टीचर छात्रों को पढ़ायेंगे. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी डीएम और डीडीसी को यह जानकारी दी है. सभी ्प्राचार्यों को कहा गया है कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू है. इसे पूरा होने में कुछ वक्त लग सकता है, लिहाजा जहां शिक्षकों के पद खाली हैं, वहां आउट सोर्सिंग के जरिये गेस्ट टीचर की सेवा ली जाये.

के के पाठक ने अधिकारियों को दिया निर्देश

अपर मुख्य सचिव केके पाठन ने सभी डीएम को निर्देश दिया है कि एक जुलाई से विद्यालयों में शुरू हुई निगरानी व्यवस्था के बाद विद्यालयों की कमियों एवं समस्याओं को सुलझाने के लिए विभाग ने कई कदम उठाये हैं. ऐसे में विभाग ने सभी डीएम और डीडीसी से अनुरोध किया है कि सभी व्यक्तिगत रूप में रुचि लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक करें. साथ ही स्कूलों में बच्चों की संख्या, शिक्षकों की उपलब्धता, लाइब्रेरी की सफाई एवं लैब की समीक्षा एक सितंबर से नियमित किये जाने का निर्देश दिया.

निजी वेंडर के माध्यम से होगी स्कूलों में सफाई

विभाग ने कहा, स्कूलों में फर्नीचर, लैब, लाइब्रेरी की साफ-सफाई का जिम्मा एक सितंबर से निजी वेंडर के माध्यम से होगा. वहीं, लगभग 10 हजार विद्यालयों में कंप्यूटर लैब लगाने की योजना है. प्रथम चरण में 4707 विद्यालयों में कंप्यूटर लगेंगे. इस संबंध में भी विस्तृत दिशा-निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 24 जुलाई को ही दिया जा चुका है.

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