संवाददाता, पटना
पटना विश्वविद्यालय के डॉ आंबेडकर चेयर व पटना ट्रेनिंग कॉलेज के सहयोग से संविधान दिवस के अवसर पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधार्थी व बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की. इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय संविधान की मूल भावना, सामाजिक न्याय के सिद्धांतों व नागरिकों की संवैधानिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो नमिता सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान सामाजिक न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों का आधार स्तंभ है, जिसने राष्ट्र को समावेशी दिशा प्रदान की है. उन्होंने विद्यार्थियों से संविधान के मूल आदर्शों को अपने आचरण में उतारने की अपील की. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर मो शफी, पूर्व प्राचार्य, पटना लॉ कॉलेज रहे. उन्होंने सोशल जस्टिस इन इंडिया आंबेडकर विजन विषय पर विस्तृत व सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव आंबेडकर द्वारा प्रतिपादित सामाजिक न्याय की अवधारणा भारतीय संविधान की आत्मा है, जो आज भी समाज में समान अवसर, गरिमा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत प्रासंगिक है. अध्यक्षता प्रोफेसर खगेंद्र कुमार, चेयर प्रोफेसर, डॉ आंबेडकर चेयर, पटना विश्वविद्यालय ने की. उन्होंने भारतीय संविधान के ऐतिहासिक महत्व और लोकतांत्रिक ढांचे के विकास में इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर अनिल कुमार (प्रॉक्टर प्रोफेसर मनोज कुमार सिन्हा) तथा प्रोफेसर ललित कुमार (अध्यक्ष शिक्षा विभाग, पटना विश्वविद्यालय) ने भी संवैधानिक मूल्यों व सामाजिक न्याय के सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम का संचालन डॉ मुक्ता मणि ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ मो वासे जफर, प्राचार्य, पटना ट्रेनिंग कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तुत किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

