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PPU ने दो कॉलेजों को स्थायी व 17 को दी अस्थाई मान्यता, एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिए कई अहम फैसले

एकेडमिक काउंसिल ने यह भी निर्णय लिया कि जो पाठ्यक्रम राजभवन से अनुमोदित हो चुके हैं, उनको ग्रहण करने के साथ ही छात्रहित में बोर्ड ऑफ स्टडीज नियमित बैठकें कर प्रतिवर्ष लॉ, पीएचडी कोर्स वर्क सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को अपडेट करेगा.

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) में मंगलवार को 11वीं एकेडमिक काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. बैठक में 10वीं एकेडमिक काउंसिल के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गयी और आरएलएसवाइ कॉलेज, अनीसाबाद को कला, विज्ञान व वाणिज्य के एकाउंट ग्रुप में व आर लाल कॉलेज, नालंदा को गृहविज्ञान विषय में स्नातक प्रतिष्ठा स्तर तक सत्र 2023-2026 से स्थायी संबद्धता दी गयी. पीटीजेएम कॉलेज राजगीर, एसपी वर्मा कॉलेज नालंदा, एपी कॉलेज नदौल को 2023-2026 से दो वर्षों के लिए अस्थायी संबद्धता दी गयी.

बी लिस के लिए 60 सीटों के साथ दो कॉलेजों-अलम्मा इकबाल कॉलेज, नालंदा और कुसुमराज एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, मोरियावां, विक्रम को नव संबद्धता दी गयी. वेस्टर कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट, पटना में बीबीएम व बीसीए की सीटों को 60 से बढ़ाकर 120 किया गया. बीबीए एवं बीसीए के लिए 60 सीटों के साथ आरपी कॉलेज दतियाना, मां शारदा कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पटना, बलदेव कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, पटना, डिपार्टमेंट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, मां शीतला इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, नालंदा को नव संबद्धता दी गयी.

चैतन्य कॉलेज आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नॉलॉली पटना और कामता प्रसाद सिन्हा कॉलेज, चिकसी, पालीगंज को आधारभूत ढांचे में कमी पाये जाने के कारण संबद्धता नहीं दी गयी. एमजीएम कॉलेज ऑफ लॉ, बेला, नौबतपुर, आंबेडकर लॉ कॉलेज, दानापुर, हिमालय लॉ कॉलेज पालीगंज, जेपी कॉलेज ऑफ लॉ नालंदा, इंपैक्ट लॉ कॉलेज पटना, सुरेंद्र हेमंत कॉलेज फॉर लीगल स्टडीज, पटना को त्रिवर्षीय एलएलबी व पांच वर्षीय बीए एलएलबी के लिए सत्र 2023-24 से संबंधन दिया गया. एमजीएम कॉलेज ऑफ लॉ, बेला, नौबतपुर, आंबेडकर लॉ कॉलेज दानापुर, हिमालय लॉ कॉलेज पालीगंज, पटना को बीबीए एलएलबी के लिए संबंधन दिया गया. बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ राजाबाजार को एलएलएम द्विवर्षीय पाठ्यक्रम के लिए संबद्धता दी गयी. एमए इन एजुकेशन के पाठ्यक्रम को भी स्वीकृति मिली.

शोधार्थियों को लेना होगा क्लास

एकेडमिक काउंसिल ने यह भी निर्णय लिया कि जो पाठ्यक्रम राजभवन से अनुमोदित हो चुके हैं, उनको ग्रहण करने के साथ ही छात्रहित में बोर्ड ऑफ स्टडीज नियमित बैठकें कर प्रतिवर्ष लॉ, पीएचडी कोर्स वर्क सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को अपडेट करेगा. पीएचडी की गुणवता के लिए शोध पर्यवेक्षक को जिम्मेदार बनाया जायेगा. शोधार्थियों के लिए भी 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य की गयी है. शोधार्थियों को अपने शोध निर्देशक के कॉलेज में जहां वह पदस्थापित हैं, क्लास भी लेना होगा. नौकरी-पेशे वाले शोधार्थियों को अपने विभाग से शोध अवधि तक अवकाश लेना होगा.

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प्रो. इंद्रजीत राय, प्रो एसपी शाही ने स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों के फी स्ट्रक्चर, प्रो उपेंद्र प्रसाद ने स्पॉट एडमिशन, प्रो पूनम ने विज्ञान विषयों में पदों के सृजन की समस्या और डॉ प्रवीण कुमार, डॉ अर्चना सिन्हा आदि द्वारा रखी गयी समस्याओं पर कुलपति ने त्वरित निर्णय लेते हुए उसका समाधान सुझाया और कमेटी का गठन कर इसी सप्ताह में उनके निराकरण का आश्वासन दिया. बैठक में प्रति कुलपति प्रो गणेश महतो, संकायाध्यक्ष एके नाग, डॉ अजय कुमार, डॉ नमिता सिन्हा, प्रो रिमझिम शील, डॉ अरुण श्रीवास्तव, परीक्षा नियंत्रक डॉ महेश मंडल के साथ अन्य लोग मौजूद थे. अंत में कुलसचिव डॉ जितेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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