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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं पटना एम्स के जूनियर डॉक्टर, जानें क्या है उनकी मांग…

पटना. गुरुवार को पटना एम्स के सभी जूनियर डॉक्टरों ने एम्स में बैठक कर शुक्रवार से कार्य बहिष्कार और हड़ताल पर जाने की रणनीति तैयार करने में लगे रहे. हालांकि खबरें यह भी आ रही थी कि एम्स में ही डॉक्टर धरने पर बैठ गये हैं और प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वहीं एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सीएम सिंह ने कहा कि कोई डॉक्टर धरना पर नहीं है. जानकारी के अनुसार वर्तमान में एम्स पटना बिहार सहित आसपास के राज्यों के गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना था कि अगर 13 अगस्त तक उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो वह 14 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.

पटना. गुरुवार को पटना एम्स के सभी जूनियर डॉक्टरों ने एम्स में बैठक कर शुक्रवार से कार्य बहिष्कार और हड़ताल पर जाने की रणनीति तैयार करने में लगे रहे. हालांकि खबरें यह भी आ रही थी कि एम्स में ही डॉक्टर धरने पर बैठ गये हैं और प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वहीं एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सीएम सिंह ने कहा कि कोई डॉक्टर धरना पर नहीं है. जानकारी के अनुसार वर्तमान में एम्स पटना बिहार सहित आसपास के राज्यों के गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना था कि अगर 13 अगस्त तक उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो वह 14 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.

डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि…

डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि उन्हें कोरोना महामारी की स्थिति फ्रंटलाइन में लगातार 24 घंटे काम कराया जा रहा है. बिहार सरकार ने एम्स पटना में वर्तमान में कार्यरत 21 सीनियर रेजिडेंट को विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त कर दिया है, जिसके चलते यहां कार्यरत 21 डाॅक्टरों का सीनियर रेजिडेंसी का टर्म अधूरा रह जायेगा. इसके चलते इन्हें भविष्य में अनेक परेशानियों का सामना करना पर सकता है.

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14 अगस्त से सभी रेजिडेंट को कार्य बहिष्कार का निर्णय लॆने को होंगे बाध्य

एसोसिएशन का कहना है कि बिहार सरकार के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय के सीनियर रेजिडेंट को उसकी रेजिडेंसी पूरा करने की छूट दी गयी है. साथ ही साथ बिहार सरकार द्वारा घोषित इंश्योरेंस स्कीम, जिसमें यदि किसी स्वास्थ्य कर्मी की मौत कोरोना संक्रमण से होती है, तो उसके परिजनों को नौकरी या पेंशन का प्रावधान किया गया है. इस फैसिलिटी से एम्स पटना के जूनियर डॉक्टर को दूर रखा गया है, जो कि वहां काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए हतोत्साहित करने वाला कदम है. एम्स प्रशासन और बिहार सरकार अविलंब हमारी जायज मांगों पर गंभीरता से विचार करें, नहीं तो मजबूरन 14 अगस्त से सभी रेजिडेंट को कार्य बहिष्कार का निर्णय लॆने को बाध्य होना पड़ेगा.

पर्याप्त प्रोत्साहन राशि की मांग को लेकर एम्स के 95 इंटर्न्स धरना पर

फुलवारीशरीफ. एम्स में कोविड-19 की ड्यूटी निभा रहे करीब 95 इंटर्न्स गुरुवार से धरना पर बैठ गये हैं. एमबीबीएस फाइनल करने के बाद एम्स में ट्रेनिंग के दौरान कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे इंटर्न्स का कहना है कि हमें स्वयं किसी सीनियर डॉक्टर के आदेश के बिना इलाज करने की अनुमति नहीं है.

विपरीति परिस्थितियों में भी कोविड 19 ड्यूटी कर रहे हैं इंटर्न्स

बता दें कि ये इंटर्न्स अप्रैल 2020 से बिना शिकायत, विपरीति परिस्थितियों में भी कोविड 19 ड्यूटी कर रहे हैं और आज तक कभी ड्यूटी करने से मना नही किया है. इनका कहना है की अन्य प्रदेशों में कोविड-19 ड्यूटी कर रहे इंटर्न्स की तरह हमे भी पर्याप्त प्रोत्साहन राशि दी जाये या यह मांग पूरी न कर पाने पर बाकी राज्यों में स्थापित एम्स के इंटर्न्स की तरह हमें भी बिना कोविड 19 वाली ड्यूटी पर रखा जाये.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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