प्रहलाद कुमार
स्कूल के समय बच्चों से काम कराने वाले होंगे चिन्हित
श्रम संसाधन विभाग ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि स्कूल के समय अगर कोई व्यक्ति अपने बच्चे को अपने ही व्यवसाय में जोड़कर काम करा रहे हैं,तो ऐसे व्यक्ति को चिन्हित करें. वहीं, उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई भी करें. इसको लेकर विभाग ने पूर्व में भी एक बैठक कर निर्देश दिया था, लेकिन उसका पालन करने में अधिकारियों ने ढील दे दी. उसी आदेश की समीक्षा के बाद फिर से सभी जिलों में तैनात अधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्कूल के समय बच्चे स्कूल में रहें. इसे सुनिश्चित करें. इस अभियान में शिक्षा विभाग से भी सहयोग लिया जाये. शहरों में रहने वाले गांव से भी लड़कियों को घरों में रखकर कराते हैं कामबंधुआ मजदूरी कराने पर सख्त नियम हैं. वहीं, विभाग का भी मानना है कि बंधुआ मजदूरी अब नहीं कराया जाता है. शहरों में रहने वाले अधिकांश लोग गांव से 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को लाकर घरों का काम कराते है.इस काम के एवज में उसे पैसा और रहने के लिए थोड़ी सी जगह मिलती हैं और इन्हें 24 घंटे काम करना पड़ता है. नहीं करने पर इन्हें मारा-पीटा भी जाता है.
यह है नियमबाल श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन आधि नियम 1986 की धारा 14 के अनुसार बाल श्रम करवाने वाले नियोक्ता को तीन माह से एक वर्ष तक का कारावास या 10 हजार से 20 हजार तक का जुर्माने लगाने का प्रावधान है. विभाग के मुताबिक 14 साल से कम उम्र के बच्चों से घरों में काम कराने के एवज में पैसा दिया जा रहा है, इसे बाल श्रम कहा जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है