Bihar News: बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत बनाने और मरीजों को रेफर करने की झंझट से छुटकारा दिलाने के लिए डॉक्टर मेंटरिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई है. इस पहल के तहत अब जिला अस्पताल अनुमंडलीय अस्पतालों को गोद लेंगे. फिलहाल जिला अस्पताल के चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टर नई बीमारियों के इलाज, आधुनिक तरीकों और नियम-कायदों की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इसके बाद यही प्रशिक्षित डॉक्टर अनुमंडलीय अस्पतालों के चिकित्सकों को ट्रेनिंग देंगे. इससे छोटे अस्पतालों में भी सामान्य बीमारियों और ज़रूरी मामलों का इलाज आसानी से हो सकेगा. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि मरीजों को मामूली बीमारियों के लिए बार-बार सदर अस्पताल या मेडिकल कॉलेज रेफर न करना पड़े. इससे बड़े अस्पतालों पर भी मरीजों का दबाव कम होगा और ग्रामीण व छोटे शहरों के लोगों को अपने नज़दीकी अस्पताल में ही बेहतर इलाज मिल सकेगा.
अबतक इन अस्पतालों को जोड़ा जा चुका है
फिलहाल राज्य के 35 जिला अस्पतालों में से 20 को मेडिकल कॉलेजों से जोड़ा जा चुका है. अगला कदम सभी 66 अनुमंडलीय अस्पतालों को जोड़ने का है. यह पूरी पहल पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया और बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त परियोजना है.
पीएमसीएच ने इस अस्पताल को लिया गोद
पटना के चार बड़े अस्पतालों – पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस और एम्स को भी दो-दो जिला अस्पतालों से जोड़ा गया है. जैसे, पीएमसीएच से खगड़िया जिला अस्पताल और गुरु गोविंद सिंह अस्पताल (पटना सिटी), एनएमसीएच से बेगूसराय व बक्सर, आईजीआईएमएस से हाजीपुर व छपरा और एम्स से आरा व रोहतास जिला अस्पताल को जोड़ा गया है.
रेफर के झंझटों से मिलेगी मुक्ति
इस पहल से मरीजों को रेफर की झंझटों से बड़ी राहत मिलेगी. अब छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को जिला या मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. अनुमंडलीय और जिला अस्पतालों के डॉक्टरों को लगातार नई तकनीक और इलाज के तरीकों की ट्रेनिंग मिलेगी, जिससे वहीं पर बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी. इससे बड़े अस्पतालों पर दबाव कम होगा और मरीजों को अपने नज़दीकी अस्पताल में ही समय पर इलाज मिल सकेगा.

