27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में नीरा बना रहे 535 समूहों से जुड़े 21 हजार लोग, नालंदा, गया और वैशाली में लगे चिलिंग प्लांट बंद

उत्पादक समूहों के लिए नालंदा, गया और वैशाली जिले में नीरा चिलिंग प्वाइंट लगाये थे, जो फिलहाल बंद पड़े हैं. नालंदा जिले में बिहारशरीफ के दीपनगर, सिलाव और रहुई में 500-500 लीटर क्षमता वाली नीरा चिलिंग प्वाइंट लगायी गयी थी.

बिहार में शराब के साथ ही ताड़ी के व्यवसाय पर रोक लगने के बाद इससे जुड़े लोगों को बड़ी संख्या में नीरा निर्माण के व्यवसाय से जोड़ा गया है. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मुताबिक वर्तमान में सूबे के 535 उत्पादक समूह नीरा उत्पादन कर रहे हैं, जबकि इससे जुड़े 21236 लोगों को नीरा निर्माण का लाइसेंस प्रदान किया गया है.

सबसे अधिक 3263 लाइसेंस दरभंगा में

विभाग के मुताबिक सूबे में नीरा निर्माण को लेकर दिये गये लाइसेंस में सबसे अधिक 3263 लाइसेंस दरभंगा जिले में दिये गये हैं. इसके बाद नालंदा में 2425, सारण में 2229, गया में 1361, जमुई में 1282 और नवादा में 1133 लोगों को लाइसेंस दिये गये. हालांकि, सबसे अधिक 111 उत्पादक समूह मुजफ्फरपुर में, 61 नालंदा में, 57 सारण में, 50 गया में और 47 नवादा में बनाये गये. हालांकि, इनमें से कई उत्पादक समूह का व्यवसाय बंद पड़ा है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक उत्पादक समूहों के लिए नालंदा, गया और वैशाली जिले में नीरा चिलिंग प्वाइंट लगाये थे, जो फिलहाल बंद पड़े हैं. नालंदा जिले में बिहारशरीफ के दीपनगर, सिलाव और रहुई में 500-500 लीटर क्षमता वाली नीरा चिलिंग प्वाइंट लगायी गयी थी.

15 दुकानों से 94 हजार लीटर नीरा की बिक्री

उत्पादक समूहों के द्वारा अब तक 15 दुकानों के माध्यम से 94 हजार लीटर से अधिक नीरा की बिक्री की गयी है. इनमें सबसे अधिक 12 दुकानें समस्तीपुर , जबकि दो दुकान रोहतास और एक दुकान पटना में चल रही है. अन्य जिलों में भी दुकानें खोली गयी थीं, लेकिन रुचि के अभाव में बंद हो गयी. सात जिले अररिया, शिवहर, लखीसराय, जमुई, भोजपुर, बक्सर और भागलपुर में नीरा का निर्माण नहीं हो रहा.

पेट के रोग होंगे दूर

ताड़ और खजूर के पेड़ से निकलने वाले ताजे रस को नीरा कहा जाता है. जब यही रस काफी देर तक बाहर रह जाता है तो इसमें फर्मेटेशन होने से यह ताड़ी बन जाता है. नीरा पीने से ताजगी महसूस होती है, जबकि ताड़ी पीने से हल्का नशा होता है. डॉक्टरों के मुताबिक नीरा का सेवन करने से कब्ज और पेट के रोग दूर होते हैं. खून की कमी, जांडिस, डायबिटीज और मूत्र संबंधी रोग में भी यह फायदेमंद होता है.

विशेषज्ञों के मुताबिक नीरा में 84.72 फीसदी जल रहता है, जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35 फीसदी, प्रोटीन 0.10 फीसदी, वसा 0.17 और मिनरल 0.66 फीसदी होता है. मिनरल्स में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, सोडियम और फॉस्फोरस के साथ ही विटामिन सी व विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें