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कक्षा पांचवीं से आठवीं की किताबों में हुए कई बदलाव, अगले सत्र से होंगे प्रभावी

शिक्षा विभाग ने सिलेबस को अधिक व्यावहारिक, स्थानीय संदर्भों से जोड़ते हुए छात्रों के हित को देखते हुए किया गया है.

संवाददाता, पटना

बिहार के सरकारी स्कूलों मे पढ़ने वाले कक्षा

पांचवीं से आठवीं तक के बच्चों की किताबों में कई बड़े बदलाव किये जा रहे हैं. यह बदलाव मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप किया जा रहा है. शिक्षा विभाग ने सिलेबस को अधिक व्यावहारिक, स्थानीय संदर्भों से जोड़ते हुए छात्रों के हित को देखते हुए किया गया है. एससीइआरटी की ओर से पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी है. इसमें प्रमुखता से स्थानीय सामग्री को जोड़ा गया है. किताबों में बिहार के भौगोलिक, ऐतिहासिक और सामाजिक पर्यावरण से जुड़े अतिरिक्त अध्याय शामिल किये गये हैं. कक्षा छठी में आयुर्वेद के 20 गुणों और मूल सिद्धांतों को भी शामिल किया गया है. वहीं कक्षा आठवीं में शरीर, मन और पर्यावरण का संतुलन, दिनचर्या और मौसमी जीवनशैली को शामिल किया गया है. आठवीं तक हर विषय की किताबों में अब सिद्धांत और सुरक्षा के चार अतिरिक्त पन्ने होंगे. इन चार पन्नों में वाइल्ड हेल्पलाइन, गांधीजी के सात सिद्धांत, सड़क सुरक्षा, नागरिक बोध शामिल होंगे. ये बदलाव अगले सत्र से प्रभावी हो जायेंगे. इसके अलावा कक्षा छह से ऊपर के विद्यार्थियों को भौतिक किताबों के साथ डिजिटल किताबें भी उपलब्ध होंगी. ये किताबें बच्चे स्कूल में दिये गये टैब के माध्यम से पढ़ सकेंगे.

किताबों में दिये गये आंकड़े को भी किया जा रहा अपडेट

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों में आंकड़े भी अपडेट किये गये हैं. किताबों में यह बदलाव पिछले साल से ही किया जा रहा है. चार नये पन्नों को जोड़ने के साथ ही कौन सा पाठ कितने दिनों में पढ़ाया जायेगा, यह भी किताबों में अंकित होगा. इसके साथ ही कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सरकारी स्कूलों में एनसीइआरटी की किताबों से पढ़ाई होगी. कक्षा 9वीं से 12वीं तक की किताबों में बिहार के परिदृश्य का अलग से पन्ना जुड़ेगा. एनसीइआरटी एक्सपर्ट टीम के साथ यह बदलाव कर रहा है. किताबों में बदलाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. एक्सपर्ट टीम में शामिल अरुण कुमार ने बताया कि आठवीं तक की एनसीइआरटी किताबों में अलग से पन्ना जोड़ा जा रहा है. विशेष रूप से यह सोशल साइंस में स्वतंत्रता आंदोलन पढ़ायेंगे और इसमें वैसे घटनाक्रम जो बिहार के संदर्भ को लेकर हैं उन्हें एनसीइआरटी की किताब में अलग से जोड़ा जा रहा है.

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