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बिहार में कोरोना के निशाने पर पुरुष, महिलाओं के मुकाबले ज्यादा आ रहे चपेट में

बिहार में अब तक 502 लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा करीब 338 पुरुष, जबकि मात्र 164 महिलाएं हैं.

आनंद तिवारी की रिपोर्ट

पटना : बिहार में कोरोना वायरस महिलाओं के मुकाबले पुरुषों पर अधिक हमला बोल रहा है. पटना सहित पूरे बिहार के आंकड़ों की तस्वीर कुछ ऐसी ही बयां कर रही हैं. बिहार में अब तक 502 लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा करीब 338 पुरुष, जबकि मात्र 164 महिलाएं हैं. इनमें सबसे ज्यादा करीब 40 प्रतिशत महिलाएं ठीक भी हो चुकी हैं. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल व एम्स में इन मरीजों का इलाज चल रहा है. इसके अलावा अब कुछ प्राइवेट होटलों में भी संदिग्ध व संक्रमित मरीजों का इलाज करने की बात चल रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोजाना जारी किये जा रहे आंकड़ों में यह बातें सामने आयी हैं.

सात से आठ दिन में महिलाएं दे रही कोरोना को मात

डॉक्टरों के मुताबिक कई महिलाओं ने सात से आठ दिन में कोरोना वायरस को मात दी है, जबकि पुरुष 15 से 24 दिन इलाज के बाद ठीक हुए हैं. राजधानी में सबसे पहले दीघा की रहने वाली एक केरल की महिला को पटना एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया. जो महज चार दिन के इलाज में ही ठीक हो गयी. इसके बाद बक्सर की एक महिला को एनएमसीएच में भर्ती किया गया. सात दिन इलाज के बाद महिला पूरी तरह से ठीक हो गयी. पटना के खाजपुरा की रहने वाली 45 वर्षीय महिला भी आठ दिन के इलाज के बाद डिस्चार्ज हो गयी. हालांकि कुछ ऐसे भी पुरुष हैं जो सात से आठ दिन में ठीक हुए हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत ही कम हैं.

60 पार के मरीज सिर्फ 19 फीसदी

चीन और इटली से आने वाली रिपोर्ट में कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस से प्रभावित होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या वृद्ध लोगों की है. लेकिन बिहार में कुल मामलों में 60 साल या इससे ज्यादा की उम्र वाले मरीजों संख्या सिर्फ 19 फीसदी है. हालांकि इसकी तुलना में युवओं में सबसे अधिक कोरोना वायरस मिल रहे हैं. यानी भारत में कोरोना वायरस सबसे ज्यादा युवा और कामकाजी आबादी को अपनी चपेट में ले रहा है. प्रदेश में कुल मरीजों में महज दो प्रतिशत बच्चों में कोरोना वायरस है. इलाज कर रहे डॉक्टरों की मानें तो देश में कोविड महामारी को लेकर एक ताजा अध्ययन के मुताबिक महिलाओं-पुरुषों में जो एक बात समान है, वह है युवाओं का अधिक संख्या में इसकी चपेट में आना. इसके विपरीत विदेशों में बुजुर्ग इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं.

बिना लक्षण वाले मरीजों से खतरा

जानकार डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरस से जुड़ी खास बात यह है कि किसी व्यक्ति में यह संक्रमण हल्का हो सकता है, तो किसी में अधिक. कम संक्रमण पर कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखते, लेकिन फिर भी वह व्यक्ति इस वायरस का वाहक बनकर दूसरे लोगों में इसे पहुंचा सकता है. इसलिए हर किसी को समाजिक दूरी बनाकर रखनी चाहिए. हाथ साफ रखने के नियमों का सख्ती से पालन करने की जरूरत है.

एक नजर यहां भी :

– स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में 502 पर 164 महिलाएं व 338 पुरुष कोरोना वायरस की चपेट में

– कोरोना से हुई मौतों में भी महिलाओं के मुकाबले पुरुषों का प्रतिशत ज्यादा

– रिपोर्ट के मुताबिक 40 साल तक के लोग ज्यादा हो रहे हैं कोरोना के शिकार

– मौत के आंकड़ों कहते हैं कोरोना संक्रमण के अलावा दूसरी बीमारी भी बनी वजह

– बिना लक्षण वाले व अन्य मरीजों में भी दिख रहा कोरोना का लक्षण

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