अवैध बालू खनन, ढुलाई, भंडारण और बिक्री की जांच और निगरानी के लिए पटना सहित 10 जिलों में चेकपोस्ट बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है. इनका निर्माण अगले साल पूरा होने की संभावना है. इनमें जिन सात जिलों में इसकी प्रक्रिया शुरू की गयी है, उनमें पटना, रोहतास, औरंगाबाद, भोजपुर, कैमूर, नवादा और जमुई जिला शामिल हैं. इसके तहत पटना जिले में चार स्थायी पुलिस पिकेट बनाये जायेंगे. इसके लिए जगह की पहचान कर ली गयी है और जमीन का विवरण मांगा गया है. इसके साथ ही अन्य छह जिलों में चेकपोस्ट बनाने के लिए जगह की पहचान की प्रक्रिया चल रही है. साथ ही बालू के अवैध कारोबार के खिलाफ टीम गठित कर सघन छापेमारी अभियान चलाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार बालू लदे वाहनों की जांच निष्पक्ष तरीके से करने के लिए इन सभी चेकपोस्ट पर सीसीटीवी लगाये जायेंगे. इससे पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता में खान एवं भूतत्व विभाग सहित अन्य विभागों के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान राज्य के 10 जिलों में चेकपोस्ट बनाने का निर्णय लिया गया था. इसके तहत सात जिलों में प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब केवल तीन जिलों में इसकी प्रक्रिया शुरू होनी है, इनमें बांका, सारण और गया जिला शामिल हैं.
त्वरित आरोपपत्र दाखिल कराने का निर्देश
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक के दौरान पिछले तीन वर्षों में दर्ज प्राथमिकियों में त्वरित आरोपपत्र दाखिल कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही हाल के दिनों में विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकियों में से अधिकतर मामलों में गिरफ्तारी नहीं की गयी है और कई मामलों में आरोपपत्र भी दाखिल नहीं किया गया है. इसे भी करने का निर्देश दिया गया है.
मार्च से अक्तूबर तक हुई 1170 गिरफ्तारियां
राज्य में वर्ष 2023-24 में मार्च से अक्तूबर तक अवैध खनन, ढुलाई और भंडारण करने वाले करीब 1170 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. करीब 14,637 छापेमारी की गयी और 2286 पर प्राथमिकियां दर्ज की गयी. साथ ही 9982 वाहनों की जब्ती की गयी. इससे सरकार को कुल 154.69 करोड़ रुपये दंड के रूप में प्राप्त हुए हैं. अक्तूबर, 2023 तक दंड के लिए निर्धारित लक्ष्य 25 फीसदी से अधिक वसूली 17 जिलों से हुई है. इनमें पटना, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, गया, औरंगाबाद, नवादा, अरवल, शेखपुरा, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, बेतिया, किशनगंज, मधुबनी, बांका, भागलपुर और सारण जिला शामिल हैं. वहीं, नालंदा और जमुई जिलों में लक्ष्य से कम वसूली हुई है. खान एवं भूतत्व विभाग ने वहां के खनन विकास पदाधिकारियों को वसूली का निर्देश दिया है.