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इसरो की निबंध प्रतियोगिता में पटना की अंशुली ने बिहार का नाम किया रौशन, ऑल इंडिया में आठवां स्थान हासिल…

जूही स्मिता, पटना: मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है. इस कहावत को सच कर दिखाया है पटना के जगदेव पथ स्थित ज्योतिपुरम अपार्टमेंट की रहने वाली अंशुली आर्या ने. इन्होंने इसरोसाइबर स्पेस प्रतियोगिता(आइसीसी 2020) में ऑल इंडिया लेवल पर टॉप टेन में आठवां स्थान प्राप्त कर अपने परिवार और बिहार का मान बढ़ाया है. इस साल इसरो की ओर से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में पूरे भारत से 1,52,000 प्रतिभागियों ने भाग लिया. संत केरेंस सेकेंड्री स्कूल की बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली अंशुली आर्या ने अंग्रेजी निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया था, जिसका परिणाम 25 सितंबर को आया. ऑन द स्पॉट मिले विषय पर उसने कम समय पर अपने विचारों को शब्दों के जरिये प्रकट कर एक मिसाल कायम की है.

जूही स्मिता, पटना: मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है. इस कहावत को सच कर दिखाया है पटना के जगदेव पथ स्थित ज्योतिपुरम अपार्टमेंट की रहने वाली अंशुली आर्या ने. इन्होंने इसरोसाइबर स्पेस प्रतियोगिता(आइसीसी 2020) में ऑल इंडिया लेवल पर टॉप टेन में आठवां स्थान प्राप्त कर अपने परिवार और बिहार का मान बढ़ाया है. इस साल इसरो की ओर से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में पूरे भारत से 1,52,000 प्रतिभागियों ने भाग लिया. संत केरेंस सेकेंड्री स्कूल की बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली अंशुली आर्या ने अंग्रेजी निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया था, जिसका परिणाम 25 सितंबर को आया. ऑन द स्पॉट मिले विषय पर उसने कम समय पर अपने विचारों को शब्दों के जरिये प्रकट कर एक मिसाल कायम की है.

जून में कराया था रजिस्ट्रेशन

अंशुली बताती हैं कि उन्हें लिखने का शौक है और वे हमेशा विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेती रहती है. एक दिन नेट सर्फिंग के दौरान उन्हें इसरो(इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) साइबरस्पेस प्रतियोगिता के बारे में पता चला. उन्होंने अंग्रेजी निबंध प्रतियोगिता के लिए जून में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया. वहीं, तीन जुलाई को ऑन द स्पॉट विषय दिया गया और कुछ समय के लिए तैयारी करने का वक्त भी दिया गया. फिर ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ.

टॉप टेन में आंठवें नंबर पर अंशुली

प्रतियोगिता का विषय चैलेंजेज एंड पॉसिबिलिटीज इन फ्रंटियर रिसर्च एरियाज ऑफ फेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन नेक्स्ट टू डेकेड था. निबंध लेखन में 800 से 1000 शब्दों की लिमिट दी गयी थी. उन्होंने अपना निबंध 735 शब्दों में लिख कर जमा किया. 25 सितंबर को जब इसका परिणाम आया तो चयनित 500 प्रतियोभागियों में इनका नाम टॉप टेन में आंठवें नंबर पर था. इसरो की ओर से उन्हें इ- सर्टिफिकेट उनके मेल पर भेजा गया है.

हमें अपनी बेटी पर गर्व : सुनील

अंशुली के पिता सुनील कुमार निराला बीएसइबी में स्टाफ हैं जबकि मम्मी अर्चना कुमारी हाउस वाइफ हैं. सुनील बताते हैं कि उनकी बेटी हमेशा से पढ़ने में अच्छी रही है.स्कूल में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में काफी बेहतर करती रही हैं. हमें खुशी हैं कि पूरे भारत में इस प्रतियोगिता में मेरी बेटी को आठवां स्थान मिला है और बिहार का नाम शामिल है.

स्कूल की प्राचार्या ने सराहा 

स्कूल की प्राचार्या मेरी कुट्टी थोमस ने अंशुली के इस एचिवमेंट को काफी सराहा है और कहा कि वे आगे ऐसे ही स्कूल और अपने माता-पिता का नाम रोशन करती रहें. अंशुली बताती हैं कि वे अपना कैरियर मेडिकल के क्षेत्र में बनाना चाहती हैं और वे आगे भी इस तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेती रहेंगी.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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