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बैंक सुनिश्चित करें, 2020-21 में बिहार के हर व्यक्ति का बैंक खाता हो : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली राज्य स्तरीय बैंकर्स कमिटी की बैठक में बैंकों को लक्ष्य दिया गया कि वे सुनिश्चित करें कि 2020-21 में बिहार के हर व्यक्ति का अपना एक बैंक खाता हो. इसके साथ ही बैंक की नयी शाखाएं, ग्राहक सेवा केंद्र खोलने और नयी एटीएम लगाने की कार्ययोजना बनाएं. जिससे बिहार के सभी 44 हजार गांव आच्छादित हो सके.

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली राज्य स्तरीय बैंकर्स कमिटी की बैठक में बैंकों को लक्ष्य दिया गया कि वे सुनिश्चित करें कि 2020-21 में बिहार के हर व्यक्ति का अपना एक बैंक खाता हो. इसके साथ ही बैंक की नयी शाखाएं, ग्राहक सेवा केंद्र खोलने और नयी एटीएम लगाने की कार्ययोजना बनाएं. जिससे बिहार के सभी 44 हजार गांव आच्छादित हो सके.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के 12 लाख दुग्ध उत्पादक किसान जो मिल्क यूनियन से जुड़े हैं के साथ फिशरी, पाॅल्ट्री एवं पीएम किसान निधि में निबंधित किसानों में से वंचित को केसीसी दिया किया जाये. इसके साथ ही वार्षिक साख योजना की उपलब्धि व साख-जमा अनुपात में कमी पर नाराजगी भी जतायी गयी.

सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में 10 करोड़ 12 लाख सक्रिय बैंक खाते हैं, जिनमें 7 करोड़ 76 लाख आधार व 6 करोड़ 98 लाख मोबाइल से जुड़े हुए हैं. इसके जरिए ही कोरोना संकट के ढाई महीने के दौरान केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा 14,300 करोड़ रुपये गरीबों के जनधन खाते में बिना किसी बिचैलिए व दलाल के सीधे भेजे जा सके हैं. सरकार बड़े पैमाने पर लोगों का आधार कार्ड बनवा रही है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों को निर्देश दिया गया कि 31 जुलाई तक विशेष अभियान चला कर मिल्क यूनियन से जुड़े 12 लाख दुग्ध उत्पादक किसानों को केसीसी के तहत बिना किसी बंधक के 1.60 लाख का लोन दें. पिछले वर्ष 1.66 लाख को ही किसान क्रेडिट कार्ड दिये गये थे. सरकार ने निर्देश दिया कि पीएम किसान निधि के तहत निबंधित केसीसी से वंचित सभी किसानों को किसान क्रेडिट की सुविधा दी जाये. इसके लिए एलपीसी को डिजिटल कर दिया गया है, अब बैंक सीधे पोर्टल पर जाकर जांच कर सकेंगे.

उन्होंने कहा कि बिहार में 17,288 बैंक मित्र है जो ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहक सेवा केंद्र के जरिए बैंकिंग सेवा देते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 1209 एटीएम है. एसएचजी समूह से जुड़ी महिलाओं को बैंक सखी बनाने के साथ ही सभी गांवों में सीएससी की सुविधा उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 की 44.09 फीसदी की तुलना में 2019-20 में साख-जमा अनुपात 43.03 प्रतिशत रहने व वार्षिक साख योजना की उपलब्धि पिछले वर्ष से 11.60 प्रतिशत कम रहने पर नाराजगी जताने के साथ ही कोरोना काल में समर्पित भाव से सतत सेवा देने के लिए बैंक कर्मियों को धन्यवाद दिया गया.

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