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एकीकृत पेंशन योजना के अध्ययन के लिए बनेगी कमेटी

केंद्रीय कर्मचारियों की तरह राज्य सरकार के कर्मियों को भी न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आने वाले दिनों में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का भी विकल्प मिलेगा.

केंद्र सरकार की ओर से एक अप्रैल, 2025 से यूपीएस लागू करने के बाद राज्य में भी पहल तेज

कैलाशपति मिश्र,पटना

केंद्रीय कर्मचारियों की तरह राज्य सरकार के कर्मियों को भी न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आने वाले दिनों में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का भी विकल्प मिलेगा. केंद्र सरकार ने अपने कर्मिचारियों के लिये यूपीएस का विकल्प एक अप्रैल, 2025 से लागू कर दिया है और राज्यों से भी इसके लिए आग्रह किया गया है.राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिये यूपीएस योजना लागू कर सकती है. बिहार में इस पेंशन स्कीम लिए तैयारी शुरू हो गयी है. वित्त विभाग में जल्द ही यूपीएस का अध्ययन करने के लिए एक कमेटी गठित की जायेगी. वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि कमेटी गठित करने के लिए फाइल की मूवमेंट शुरू हो गयी है.

एनपीएस और यूपीएस में क्या अंतर है? : एनपीएस मार्केट से जुड़ा हुआ है, जिसमें रिटर्न शेयर बाजार और बॉन्ड पर निर्भर करता है. यूपीएस में आपको गारंटीड पेंशन मिलेगी. एनपीएस में जोखिम ज्यादा है क्योंकि यह बाजार पर निर्भर है, जबकि यूपीएस कम जोखिम वाला विकल्प है. एनपीएस में पेंशन की रकम निवेश पर निर्भर करती है, जबकि यूपीएस में न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी है. इस पेंशन स्कीम के तहत कम से कम 25 साल की सेवा करने वाले सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर गारंटीकृत पेंशन मिलेगी. यूपीएस में 14 फीसदी तक टैक्स-फ्री योगदान का लाभ भी मिलेगा. साथ ही सरकार 8.5 फीसदी अतिरिक्त योगदान देगी. इसके साथ ही एक बार यूपीएस चुनने के बाद कर्मचारी एनपीएस में वापस नहीं जा सकते हैं.

राज्य के एआइएस के अधिकारियों के लिए भी एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प : कार्मिक,लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अनुसार यूपीएस,अखिल भारतीय सेवा (एआइएस) के अधिकारियों सहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है.बिहार कैडर के एआइएस के अधिकारियों के लिए भी एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प दिया गया है.पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यूपीएस का विकल्प लेने वाले एआइएस के आंकड़ा उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है.

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