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‘पापा की राजनीतिक हत्या का कई बार हुआ प्रयास’, JDU और चाचा पारस पर पत्र के जरिये बरसे चिराग

लोजपा में टूट के बाद अब दो खेमा बन चुका है और लोजपा पर बर्चस्व की लड़ाई तेज हो चुकी है. एक खेमे की कमान जहां रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस के हाथ में है तो दूसरे खेमे की कमान अलग पड़े चिराग पासवान के हाथ. वहीं अब चिराग पासवान ने एक और पत्र जारी किया है जिसके जरिये उन्होंने जदयू और नीतीश कुमार पर हमला बोला है.

लोजपा में टूट के बाद अब दो खेमा बन चुका है और लोजपा पर बर्चस्व की लड़ाई तेज हो चुकी है. एक खेमे की कमान जहां रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस के हाथ में है तो दूसरे खेमे की कमान अलग पड़े चिराग पासवान के हाथ. वहीं अब चिराग पासवान ने एक और पत्र जारी किया है जिसके जरिये उन्होंने जदयू और नीतीश कुमार पर हमला बोला है.

चिराग ने मंगलवार को लोजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के नाम कुल चार पन्ने का एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए से अलग होकर लोजपा के चुनाव लड़ने के कारणों का जिक्र किया है. दरअसल, पशुपति पारस लगातार उन्हें इसी बात को लेकर घेरते दिखे हैं. वहीं बागी हुए सांसदों ने भी यह आरोप लगाया है कि एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ना चिराग का एकतरफा फैसला था जो किसी को पसंद नहीं था.

चिराग ने पत्र में जिक्र किया है कि लोजपा को इस बार विधानसभा चुनाव में मात्र 15 सीटें दी जा रही थी. वहीं रामविलास पासवान का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि उन्होंने हमेसा जदयू की नीतियों का विरोध किया है. और गठबंधन में वो भी शामिल थी. चिराग ने आरोप लगाया कि जदयू ने हमेसा लोजपा को तोड़ने का काम किया है. इस चिट्ठी में चिराग ने 2005 के चुनाव का जिक्र भी किया है और प्रदेश अध्यक्ष समेत कई विधायकों को तोड़े जाने की बात कही.

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चिराग ने विधानसभा चुनाव 2020 के बाद लोजपा विधायक को जदयू के द्वारा तोड़े जाने का जिक्र किया. वहीं हाल में 5 लोजपा सांसदों का बगावत करने को उन्होंने जदयू के सिर पर ही फोड़ा और बांटो व शासन करो की नीति तक करार दे दिया. चिराग ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला करते हुए आरोप लगाया है कि वो कई बार रामविलास पासवान की राजनीतिक हत्या का भी प्रयास करते रहे. उन्होंने दलित व महादलित के बंटवारे को भी इसी का हिस्सा करार दिया.

चिराग ने अपने चाचा पशुपति पारस पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने रामविलास पासवान जी की विचारधारा को चूर किया है. चिराग ने कहा कि उनके पिता अपने भाइयों के लिए हमेसा फिक्र करते रहे लेकिन अति महत्वाकांक्षी होकर चाचा पारस ने परिवार तोड़ दिया. जबकि वो (चिराग) अंत तक परिवार बचाने के लिए लगे रहे. चिराग ने इस पत्र में रामविलास पासवान के तबियत खराब होने के समय नीतीश कुमार के दिये कुछ बयानों का भी जिक्र किया है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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