संवाददाता, पटना बिहार सरकार ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की शुरुआत कर दी है. प्रतिभाशाली युवाओं को राज्य के प्रशासनिक और नीति-निर्माण कार्यालयों से जोड़कर उन्हें शासन में योगदान देने का अवसर देने के लिए मंत्रिपरिषद ने योजना की स्वीकृति दी थी. इस योजना के तहत चयनित फेलोज जिला, प्रमंडल, विभाग और राज्य स्तरीय कार्यालयों में नीति और विकास से जुड़े कामों में सहयोग करेंगे. फेलोज को मासिक मानदेय और दो वर्ष की अवधि के बाद लोक नीति व सुशासन का प्रमाण-पत्र भी मिलेगा. योजना केवल बिहार के मूल निवासियों के लिए है और आरक्षण नियम लागू होंगे. कुल 121 फेलोज का चयन होगा, जिनमें मुख्यमंत्री सचिवालय में चार, उपमुख्यमंत्री कार्यालय में दो, मुख्य सचिव कार्यालय में दो, विकास आयुक्त कार्यालय में दो, सचिवालय विभाग में प्रति विभाग में एक फेलोज के हिसाब से कुल 45, प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में नौ, जिला समाहरणालय में 38 और नगर निगम आयुक्त कार्यालय में 19 फेलोज शामिल हैं. मासिक मानदेय 80,000 से 1,50,000 रुपये तक रहेगा. योजना दो वर्ष की अवधि की होगी और कुल खर्च 31.86 करोड़ रुपये निर्धारित है.
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