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बिहार विधान परिषद उपचुनाव में राजद को सबक सिखाएं मतदाता, वादाखिलाफी की याद दिला रही भाजपा

संजय जायसवाल ने कहा कि पिछले चुनाव में महागठबंधन ने संविदा आधारित नियुक्ति रद्द कर नियमित करने, समान कार्य के बदले समान वेतन देने, शिक्षकों, लाइब्रेरियन की बहाली जैसे कई वादे किये थे. इस लुभावने वादे के कारण महागठबंधन के प्रत्याशी को वोट मिले थे, लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं किया गया.

पटना. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने पिछले चुनाव में झूठे वादे कर वोट लेने वाले राजद सहित महागठबंधन दलों को सबक सिखाने की अपील स्नातक व शिक्षक मतदाताओं से की है. प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में महागठबंधन ने संविदा आधारित नियुक्ति रद्द कर नियमित करने, समान कार्य के बदले समान वेतन देने, शिक्षकों, लाइब्रेरियन की बहाली जैसे कई वादे किये थे. इस लुभावने वादे के कारण महागठबंधन के प्रत्याशी को वोट मिले थे, लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं किया गया. आज समय है कि महागठबंधन के प्रत्याशी से उन वादों के विषय में पूछा जाये और वादाखिलाफी को लेकर भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया जाये.

नीतीश-तेजस्वी सूबे में चला रहे पीएफआइ का एजेंडा

प्रदेश अध्यक्ष ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों के कार्यालय आने-जाने में राहत देने के सरकार के आदेश को निंदनीय बताते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार के ऐसे आदेश पीएफआइ के लिए ईंधन देने का काम कर रहे हैं. सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को धार्मिक तौर से नहीं बांटा जा सकता है. अगर ऐसा है तो रामनवमी में पूजा करने के लिए हिंदुओं को भी कार्यालय आने-जाने की छुट्टी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश और तेजस्वी सूबे में पीएफआइ का एजेंडा चला रहे हैं.

2005 में अपहरण को समझा जाता था उद्योग

संजय जायसवाल ने राज्य में अपहरण की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार 2005 के पहले वाले समय, जब अपहरण को उद्योग समझा जाता है, एक बार फिर से उसी दौर में जा रहा है. जदयू द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोबल पुरस्कार दिये जाने की मांग के सवाल पर डॉ जायसवाल ने कहा कि अगर पलटी मारने पर नोबल पुरस्कार मिलता है, तो नीतीश कुमार से बड़ा कोई दावेदार नहीं होगा. इस दौरान सुरेश रुंगटा, सिद्धार्थ शंभू, शीला प्रजापति, धर्मशीला गुप्ता, अशोक भट्ट, राकेश सिंह मौजूद रहे.

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