24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

महागठबंधन पर सुशील मोदी का निशाना, कहा- राजद-कांग्रेस राज में बिहार में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं

बिहार में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों के लिए 100 बेड के अत्याधुनिक पीकू वार्ड (लागत 72 करोड़) एवं झंझारपुर में 515 करोड़ की लागत मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि राज्य में 1111 विशेषज्ञ चिकित्सक की अनुशंसा तकनीकी सेवा आयोग से सरकार को प्राप्त हो चुकी है तथा 4000 सामान्य चिकित्सक, 9500 नर्स, नर्सिंग स्कूल के 196 ट्यूटर की नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है और अगले 2 माह में नियुक्ति कर दी जाएगी. विशेषज्ञ चिकित्सकों में 203 स्त्री एवं प्रसव रोग, 197 शिशु रोग, 146 एनेसथिसिया के विशेषज्ञ शामिल है.

पटना : बिहार में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों के लिए 100 बेड के अत्याधुनिक पीकू वार्ड (लागत 72 करोड़) एवं झंझारपुर में 515 करोड़ की लागत मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि राज्य में 1111 विशेषज्ञ चिकित्सक की अनुशंसा तकनीकी सेवा आयोग से सरकार को प्राप्त हो चुकी है तथा 4000 सामान्य चिकित्सक, 9500 नर्स, नर्सिंग स्कूल के 196 ट्यूटर की नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है और अगले 2 माह में नियुक्ति कर दी जाएगी. विशेषज्ञ चिकित्सकों में 203 स्त्री एवं प्रसव रोग, 197 शिशु रोग, 146 एनेसथिसिया के विशेषज्ञ शामिल है.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि आजादी के बाद भागलपुर छोड़कर एक भी मेडिकल कॉलेज सरकारी क्षेत्र में बिहार में स्थापित नहीं किया गया. पटना और दरभंगा मेडिकल कॉलेज आजादी के पूर्व के हैं तथा नालंदा मेडिकल, मुजफ्फरपुर, गया मेडिकल कालेज 1970 में निजी क्षेत्र में स्थापित किए गये थे, जिसे बाद में 1979 में जनता पार्टी सरकार में अधिग्रहण किया गया. भाजपा-जदयू सरकार में पांच नये मेडिकल कालेज स्थापित किये गये एवं 11 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं. निजी क्षेत्र में भी सहरसा, मधुबनी एवं सासाराम में नये मेडिकल कालेज स्थापित किये गये तथा तुर्की (मुजफ्फरपुर) एवं अमहारा (बिहटा) में 2 नये मेडिकल कालेज की अनुमति दी गयी है.

डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में एक हजार शिशु के जन्म लेने पर 2006 में जहां 60 बच्चों की पहले वर्ष में मृत्यु हो जाती थी वहां अब बिहार में 32 बच्चों की मृत्यु हो रही है जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है. आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, प्रसव पूर्व 3 बार जांच, अस्पतालों में प्रसव, 86 प्रतिशत टीकाकरण, प्रत्येक जिले में गहन शिशु उपचार यूनिट के कारण शिशु मृत्यु दर में 60 से 32 तक लाने में सफलता मिली है.

Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel