Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि सरकार में संवैधानिक पदों को परिवारवाद की भेंट चढ़ाया जा रहा है. तेजस्वी का दावा है कि रामविलास पासवान, अशोक चौधरी और जीतन राम मांझी जैसे वरिष्ठ नेताओं के दामादों को आयोगों में नियुक्त कर ‘रेवड़ी’ बांटी जा रही है. इसके अलावा, डीके बॉस की पत्नी को महिला आयोग में जगह देने पर भी उन्होंने सवाल उठाए हैं.
“दलित का बेटा बर्दाश्त नहीं हो रहा”
इन आरोपों पर जीतन राम मांझी के दामाद और राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार मांझी ने तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव एक दलित के बेटे को डराना चाहते हैं. मांझी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे एक इंजीनियर रहे हैं और पिछले 25 वर्षों से सामाजिक सेवा में सक्रिय हैं. उनका मानना है कि सिर्फ रिश्तेदार होने के कारण किसी की योग्यता को नकारा नहीं जा सकता. उनका यह बयान एक बार फिर बिहार की जातिगत और वंशवाद की राजनीति को चर्चा में ले आया है.
लालू यादव को नोटिस
देवेंद्र मांझी ने यह भी कहा कि उन्होंने आरजेडी प्रमुख लालू यादव को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस एक वायरल वीडियो के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें कथित रूप से लालू यादव बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर का अपमान करते नजर आ रहे हैं. मांझी ने कहा कि यदि इस नोटिस का जवाब नहीं मिला, तो आयोग पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देगा. यह बयान सीधे तौर पर लालू परिवार पर एक नई कानूनी और नैतिक बहस को जन्म दे सकता है.
तेजस्वी के अन्य आरोप
तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया है कि रिटायर्ड अधिकारियों की पत्नियों तक को महिला आयोग जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों में सदस्य बना दिया गया है. उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब बीजेपी-जेडीयू के तमाम कार्यकर्ता और नेता प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो सिर्फ परिवार के लोगों को पद क्यों दिए जा रहे हैं? तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त सचिवालय पैनल को भी बर्बाद कर दिया गया है, और अब आयोगों में वही लोग बैठे हैं जो सीएम आवास में ‘भुंजा पार्टी’ करते हैं.
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