9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नीतीश कुमार की प्राथमिकता में महिलाओं का विकास, जानिए जदयू ने एक तीर कैसे साधे कई निशाने

नीतीश कुमार बिहार में महिलाओं को अपनी नई प्रदेश कमेटी में गुरुवार को 33 फीसद से अधिक मौका देकर एक तीर से कई निशाने लगा दिए हैं.

पटना. नीतीश कुमार बिहार में महिलाओं को अपनी नई प्रदेश कमेटी में गुरुवार को 33 फीसद से अधिक मौका देकर एक तीर से कई निशाने लगा दिए हैं. यह पहला अवसर है जब किसी राजनीतिक पार्टी अपनी प्रदेश कमेटी में महिलाओं को इतनी बड़ी संख्या में मौका दिया है. जदयू के इस फैसले के बाद पार्टी में 72 महिलाएं पार्टी की पदधारक बन गई हैं.

राजनीतिक विशलेषक और सीनियर पत्रकार लव कुमार मिश्रा कहते हैं कि नीतीश कुमार पिछले डेढ़ दशक से सत्ता की धुरी बने हुए हैं तो उसमें महिलाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. यही कारण है कि वे महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए एक से बढ़कर एक बड़े फैसला लेते रहते हैं. महिलाओं के बीच उनकी लोकप्रियता का यह सबसे बड़ा कारण है.वे कहते हैं कि उनकी लोकप्रियता की बानगी वोटिंग के दिन देखने को मिलती है.जब महिलाओं की कतार में उनके वोट बैंक की चर्चा होती है.

नीतीश कुमार ने वर्ष 2006 से पंचायती राज और 2007 से नगर निकायों के निर्वाचन में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण दिया. इसके बाद प्राथमिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 फीसद का आरक्षण, राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 फीसद आरक्षण, दस लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कर एक करोड़ से अधिक महिलाओं को उससे जोड़ना और कुछ दिन पहले इंजीनियरिंग व मेडिकल कालेजों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था किया.देश में बिहार पहला राज्य है जहां, कॉलेज में महिला आरक्षण की व्यवस्था है. बिहार में 2035 इंजीनियरिंग सीटें हैं और 1330 मेडिकल व बीडीएस सीटें हैं. राज्य सरकार 11 मेडिकल और 38 इंजीनियरिंग कॉलेज को संचालित करती हैं.

नीतीश कुमार ने इससे पहले लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इंटर पास करने पर 25 हजार तथा स्नातक उत्तीर्ण होने पर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की प्रथा की शुरुआत किया था. मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य का विकास तभी होगा, जब पुरुष के साथ महिलाएं भी काम करेंगी. इसी कारण हमने उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया है. महिलाओं के उत्थान और उनके विकाश के लिए सीएम नीतीश कुमार का प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को एक क्रांतिकारी फैसला माना जाता है. उनके इस फैसले से प्रदेश को राजस्व का बहुत बड़ा घाटा हुआ. बावजूद उन्होंने इसको सख्ती से लागू किया. दरअसल, चुनावी सभा के दौरान महिलाओं ने नीतीश कुमार को अपने शराबी पति की दास्तान सुनाया था. उन लोगों ने सीएम से अपने पति की शिकायत करते हुए कहा था कि उनके पति शराब के नशे में उनके साथ मारपीट करते हैं. इसके बाद ही नीतीश कुमार ने पूरे प्रदेश में शराबबंदी का फैसला कर दिया था. नीतीश कुमार के इस फैसले ने ही उन्हें महिलाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया है. नीतीश कुमार भी अपने महिला वोटरों को मजबूती से साधकर रखना चाहते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें