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Bihar News: पटना, अनुज शर्मा. बिहार में नयी सरकार के गठन की उलटी गिनती शुरू होते ही एनडीए खेमे में सत्ता-समीकरण की अंतिम तैयारियां तेज हो गयी हैं और इसी के साथ भाजपा के भीतर भी पावर बैलेंस, मंत्री पदों की हिस्सेदारी के लिए अनुभव, जातीय-सामाजिक आधार पर समीकरण साधने की कवायद चरम पर पहुंच गयी है. भाजपा विधायक दल की बैठक अब 19 नवंबर को होगी, जहां नये नेता के चयन से लेकर मंत्री पदों के बंटवारे तक कई अहम फैसलों की दिशा तय होगी. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी मंगलवार को दिल्ली बुलाये गये हैं.
कैबिनेट के आकार पर होगी चर्चा
दिल्ली में ही विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक के नाम की घोषणा होनी है. बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल ने सोमवार को पूर्वाह्न में जानकारी दी नवनिर्वाचित विधायक मंगलवार को बैठक कर अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगे. राजभवन से लौटने के बाद भाजपा नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व के साथ मंथन किया और विधायक दल की बैठक की तारीख एक दिन के लिए बढ़ाते हुए 19 कर दी गयी. जानकारी के अनुसार दिल्ली में बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े व चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बिहार भाजपा की मांगें और प्राथमिकताएं रखीं. साथ ही कैबिनेट पदों की संख्या और विभागों पर चर्चा की.
भाजपा में भी अंदर ही अंदर पावर गेम शुरू
शीर्ष नेतृत्व ने बिहार के पार्टी नेताओं को यह भी सलाह दी गयी है कि वे मंत्री पदों के लिए नामों का प्रस्ताव करते समय जातिगत संतुलन, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और सामाजि क विविधता को ध्यान में रखें. वहीं, तावड़े ने सहयोगियों को आश्वासन दिया है कि कैबिनेट में उनकी हिस्सेदारी उनकी जीती हुई सीटों के अनुरूप होगी. नयी सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज होते ही भाजपा में भी अंदर ही अंदर पावर गेम शुरू हो गया है. मंत्रीपरिषद में जगह बनाने के लिए कई बार के जीते हुए विधायक ही नहीं, पहली बार जीतकर आये विधायक भी हैं.
चौंकाने वाली होगी भाजपा की सूची
सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल अपराह्न साढ़े तीन बजे पार्टी कार्यालय पहुंचे, तो कई विधायक इंतजार करते मिले और आभार प्रकट करने के साथ ही ”आशीर्वाद बनाए रखिए ” कहना नहीं भूल रहे थे. बदले में भाजपा अध्यक्ष ने भी ”चिंता न करिए” कहने में कोई कंजूसी नहीं दिखायी. नयी सरकार में भाजपा का मंत्री कौन होगा इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हैं. जानकारी के अनुसार इस बार भाजपा की सूची चौंका सकती है. पार्टी कुछ चर्चित चेहरों को मंत्री सुख से वंचित कर सकती है. भाजपा ”एम” यानी महिला एवं ”वाइ” यानी युवा समीकरण को ध्यान में रखकर भी कुछ नाम सुझाने को सूची तय की जा रही है.

