जमीन का दाखिल खारिज को लेकर अब वाजिब लोगों को बार-बार डीसीएलआर कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. भूमि सुधार उप समाहर्ता अब किसी हाल में दो से अधिक बार दाखिल खारिज वाद को स्थगित नहीं कर सकेंगे. उक्त जानकारी भू एवं राजस्व मंत्री रामसूरत कुमार ने शुक्रवार को जमुई में प्रेस वार्ता के दौरान दी.
एक प्रेस नोट जारी करते मंत्री रामसूरत कुमार ने बताया कि बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम 2011 के मुताबिक सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता को पत्र देकर अधिनियम की धारा 7(4) के मुताबिक 30 कार्य दिवस में म्यूटेशन वाद के निबटारे का आदेश दिया गया है.
1 अगस्त 2021 को भूमि सुधार उप समाहर्ता म्यूटेशन अपील कोर्ट में सुनवाई की ऑनलाइन व्यवस्था का शुभारंभ किया गया था. अब आम जनता अपील एवं सुनवाई को ऑनलाइन देख सकती है. 31 जुलाई को ऑनलाइन दाखिल खारिज की वेबसाइट बिहार भूमि को नए तेवर और कलेवर में दोबारा लांच किया गया. अब मोबाइल फोन के जरिए भी इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है.
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मंत्री ने बताया कि राज्य के 534 अंचल में से 102 में आधुनिक अभिलेखागार सह डाटा केंद्र बनकर तैयार है. शीघ्र ही इसे शुरू करने की योजना है. यहां से 16 तरह के राजस्व दस्तावेजों को मामूली शुल्क लेकर आम जनता को देने की योजना है.
मंत्री ने कहा कि खास महाल के जमीन की विभाग द्वारा समीक्षा की जा रही है. जिसके लिये भूमि का आवंटन नियम संगत नहीं होगा उनका आवंटन रद्द कर दिया जायेगा. इसके लिए जिला बार टीम गठित की गयी है. बिहार के गांव कस्बों और मौजो का राजस्व मानचित्र अब ऑनलाइन मंगाया जा सकता है. बहुत जल्द ही यह सेवा शुरू होगी और ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा.
मंत्री ने कहा कि दाखिल खारिज नियमावली में संशोधन किया गया है और मामलों को अस्वीकृत करना कठिन बना दिया गया है. सीओ को अब किसी भी आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले वाजिब कारण बताना होगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan