Bihar Floods: नेपाल और उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा और गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ा है. पिछले दो-तीन दिनों में जल स्तर में हुई इस वृद्धि से हाजीपुर सहित जिले के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंडक नदी में पानी बढ़ने का कारण वाल्मिकीनगर से छोड़ा गया पानी है. इसको लेकर जल संसाधन विभाग के साथ स्थानीय प्रशासन भी सतर्क है और निचले इलाकों में निगरानी बढ़ा दिया है.
पटना के गंगा नदी और हाजीपुर के गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा
केंद्रीय जल आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी का जल स्तर पटना के गांधी घाट पर बृहस्पत्तिवार की सुबह 48.30 मीटर मापा गया है. यह खतरे के निशान से केवल 0.30 मीटर नीचे है. बुधवार की सुबह को गंगा का जल स्तर 48.01 मीटर था. केन्द्रीय बाढ नियंत्रण प्रकोष्ट के अनुसार हाजीपुर में गंडक नदी का जल स्तर गुरुवार को दोपहर 2.00 बजे 48.37 मीटर था, जबकि बुधवार को 48.07 मीटर दर्ज किया गया था. हाजीपुर में गंडक के जल स्तर का खतरे का निशान 50.32 मीटर है. वर्तमान में गंडक नदी खतरे के निशान से 1.95 मीटर नीचे बह रही है. हालांकि, दोनों नदियों में जल स्तर बढ़ने की रफ्तार को देखते हुए जल संसाधन विभाग सतर्क है. प्रशासन ने भी निचले इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गयी है.
वाल्मिकीनगर से छोड़ा गया पानी बना वजह
विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीते 12 घंटे में गंगा नदी का जल स्तर धीमी रफ्तार से बढ़ा है. वहीं, हाजीपुर में गंडक नदी 8.33 मिमी प्रति घंटे और लालगंज में 7.55 मिमी प्रति घंटे की दर से बढ़ी है. गंडक के जलस्तर में वृद्धि का कारण वाल्मिकीनगर बराज से बुधवार को छोड़ा गया 50.600 क्यूसेक पानी है. जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है और संभावित बाढ़ को लेकर निर्देश जारी कर दिया है .
बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट
संभावित बाढ़ की आशंका को लेकर डीएम वर्षा सिंह की अध्यक्षता में कई बार बैठकें हो चुकी हैं. विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हाजीपुर में गंडक नदी का खतरे का निशान 50.32 मीटर और लालगंज में 50.50 मीटर है. वर्ष 1948 में हाजीपुर में गंडक का जलस्तर 51.93 मीटर तक पहुंचा था. वहीं, 2021 में लालगंज में यह स्तर 51.82 मीटर तक दर्ज किया गया था. बीते अनुभवों को देखते हुए प्रशासन सतर्क है. संभावित बाढ़ की आशंका को लेकर डीएम वर्षा सिंह की अध्यक्षता में कई बार बैठकें हो चुकी हैं. प्रखंड स्तर पर बीडीओ और सीओ को आवश्यक तैयारियों के निर्देश दिये गये हैं. जिला प्रशासन लगातार जल स्तर पर नजर बनाये हुए है. –रंजन की रिपोर्ट