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जमीन और मकान दान देने वालों के नाम पर रहेगा आंगनबाड़ी केंद्र , जिला स्तर पर समिति गठित

राज्य भर में करीब एक लाख 14 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है, जिसमें लगभग 80 हजार केंद्रों के पास अपना भवन नहीं है

– नये साल में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का होगा अपना भवन, जिलों में जमीन की खोज करेंगे अधिकारी

संवाददाता, पटना

राज्य भर में करीब एक लाख 14 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है, जिसमें लगभग 80 हजार केंद्रों के पास अपना भवन नहीं है.समाज कल्याण विभाग नये साल में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन दिलाने के लिए आमलोगों से जमीन और मकान दान देने करने की अपील करेगा. इस निर्णय को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए हर जिले में अधिकारी गांव-गांव में अभियान चलायेंगे, ताकि लोगों को मालूम हो सकें कि वह जमीन किस तरह से दान में दे सकते हैं. दान देने वाले लोग अनुमंडल पदाधिकारी के पास आवेदन कर सकते है.

जमीन देने वाले अपने परिवार के नाम पर केंद्र का नाम रख सकेंगे

विभाग ने तय किया है कि अगर कोई व्यक्ति केंद्र के लिए जमीन या मकान दान में देता है, तो उस केंद्र का नाम वह अपने किसी भी परिवार के सदस्य के नाम पर रख सकता है. लेकिन विभाग ने इसको लेकर कुछ नियम बनाये है जिसमें कहा गया है कि किसी भी आपराधिक छवि या आपराधिक चरित्र वाले व्यक्ति के नाम पर केंद्र का नाम नहीं रहेगा. दान करने वाले व्यक्ति और उनके परिवार की स्थिति जांचने के लिये जिला स्तर पर समिति का गठन किया गया

एक लाख 14 हजार हजार केंद्र स्वीकृत है

विभाग के मुताबिक एक लाख 14 हजार आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत है. जिसमें से 2700 केंद्र के पास अपना भवन है 4010 केंद्र स्कूल में चल रहे है. वहीं, 80 हजार से अधिक केंद्र किराये के मकान में है. साथ ही, राज्य भर में कई ऐसे केंद्र है, जो स्कूल परिसर में चल रहे हैं.

जिला स्तर पर गठित की गयी समिति

योजनाओं के लिए जमीन,भवन की उपयुक्तता पर अंतिम निर्णय लेने के लिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया गया है. जिसमें डीएम अध्यक्ष, अनुमंडल पदाधिकारी सदस्य, कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग सदस्य,जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सदस्य सचिव रहेंगे. समिति समय-समय पर बैठक करके निर्णय लेगी.

यह है शर्त

– इस योजना के तहत केवल भूमि दान की सकती है या भूमि के साथ उसपर बना भवन भी दान किया जा सकता है.

– आंगाबनाड़ी केंद्र के लिए प्रास्तावित दान की भूमि का न्यूनतम रकबा पंद्रह सौ वर्ग फीट होना चाहिये.

– भूमि, भवन आंगनबाड़ी केंद्र के पोषक क्षेत्र में स्थित होना चाहिए और केंद्र के लाभार्थियों के लिए आवागमन की दृष्टि से सुविधाजनक होना चाहिए.

– भूमि, भवन किसी भी प्रकार के विवाद से मुक्त होना चाहिए.

– उस पोषक क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र के लिये पूर्व से सरकारी भवन बना नहीं होना चाहिए.

– केंद्र का नामाकरण किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर नहीं किया जायेगा. जिसका आपराधिक इतिहास रहा हो अथवा जिसका चरित्र विवादस्पद रहा हो. इस के लिये संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य होगा.

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