पटना (संवाददाता) : बिहार सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को सातवां वेतनमान देने से संबंधित अधिसूचना वित्त विभाग ने आज जारी कर दी है. इसके साथ ही मई महीने से ही इनकी सैलरी नये वेतनमान की बढ़ोतरी के साथ मिलना लगभग तय हो गया है. वित्त विभाग की तरफ से इससे संबंधित जारी संकल्प के अनुसार, 31 मार्च 2017 तक सेवानिवृत्त या मृत सरकारी कर्मचारियों को इस नये वेतनमान का लाभ मिलेगा.
नये वेतनमान का लाभ सभी स्तर के सरकारी कर्मियों को 1 अप्रैल 2017 से ही मिलेगा. इन्हें बकाया एरियर भी अप्रैल 2017 से ही मिलेगा. राज्य सरकार ने सातवां वेतनमान की अनुशंसाएं नयी दिल्ली स्थित कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा की तर्ज पर ही लागू की है. इसके अंतर्गत सभी कर्मियों के मूल वेतन में 2.57 से गुणा करने पर जो परिणाम आयेगा, उसे ही सातवां वेतनमान में हुई बढ़ोतरी के रूप में देखा जायेगा. कर्मियों को उनकी सैलरी में बढ़ोतरी इसी हिसाब से मिलेगी. इसमें डीए, टीए समेत अन्य किसी तरह के भत्ते शामिल नहीं होंगे.
तमाम भत्ते बढ़ी हुई मूल सैलरी के बाद जोड़ कर दिये जायेंगे. अभी सातवां वेतनमान के अनुरूप भत्तों का निर्धारण नहीं किया गया है. इसके अलावा राज्य कर्मियों को सातवां वेतनमान के अलावा 1 अप्रैल 2014 से चार प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जायेगा. वित्त विभाग के संकल्प के अनुसार, 1 अप्रैल 2017 के बाद से सेवानिवृत्त या मृत सरकारी कर्मियों को ग्रैचुएटी के रूप में 20 लाख रुपये दिया जायेगा.
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बताते चलें कि बिहार सरकार ने कार्यरत राज्यकर्मियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग की अध्यक्षता में एक आयोग बनाया था. आयोग ने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार को सौंप दी थी. नये वेतनमान के लागू होने से राज्य के खजाने पर सालाना 6500 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. करीब चार लाख कर्मचारी और छह लाख पेंशनरों को इससे लाभ होगा.