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बिहार को फिर से शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचाई पर ले जाना है : सीएम

आयोजन. राजभवन में कुलपति व प्रतिकुलपतियों का सम्मेलन पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजभवन में आयोजित कुलपति-प्रतिकुलपति सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार को फिर से शिक्षा की ऊंचाई पर ले जाना है. बिहार ज्ञान की भूमि है. विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों का एकेडमिक कैलेंडर होना चाहिए और उसका ठीक से […]

आयोजन. राजभवन में कुलपति व प्रतिकुलपतियों का सम्मेलन
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजभवन में आयोजित कुलपति-प्रतिकुलपति सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार को फिर से शिक्षा की ऊंचाई पर ले जाना है. बिहार ज्ञान की भूमि है.
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों का एकेडमिक कैलेंडर होना चाहिए और उसका ठीक से अनुपालन भी ताकि यहां के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में नुकसान नहीं हो. इस सम्मेलन में राज्यपाल रामनाथ कोविंद व शिक्षामंत्री डॉ अशोक चौधरी भी शामिल हुए. सीएम ने कहा हमारा मकसद है कि उच्च शिक्षा में बिहार के ग्रास एनरॉलमेंट रेशियो को बढ़ाना. हम बिहार के ग्रास एनरॉलमेंट रेशियो को 30 प्रतिशत करना चाहते हैं, इसके लिए कई कदम उठाये गये हैं. पहले सरकार का ध्यान प्राथमिक शिक्षा पर केंद्रित था. स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या जो पहले साढ़े बारह प्रतिशत थी, वह अब एक प्रतिशत से भी कम हो गयी है.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टीविटीज भी होना चाहिए. इससे छात्रों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होगा. विवि व कॉलेज में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए विवि सेवा आयोग का गठन किया गया है. बैठक की जो राय होगी उससे विवि के विकास के लिए सशक्त नीति बनेगी. राज्य के दो विवि को छोड़ सभी जगह कुलपति व प्रतिकुलपति की नियुक्ति हो गयी है.
सीएम ने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि रही है. चाणक्य, आर्यभट्ट यहीं के थे. प्राचीन काल में बिहार में नालंदा, विक्रमशिला विश्वविद्यालय जैसे ज्ञान के केंद्र थे. नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है.
2005-06 में शिक्षा के लिए बिहार के बजट में 4261 करोड़ रुपया था आज 25 हजार करोड़ है. राज्य सरकार ने 20 प्रतिशत से ज्यादा बजट का हिस्सा शिक्षा क्षेत्र के लिए निर्धारित किया है. उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय का निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि बिहार का प्रजनन दर देश के प्रजनन दर से ज्यादा है. अगर हर लड़की को 12वीं तक पढ़ा दिया जाये तो तो प्रजनन दर स्वत: ही नीचे चला जायेगा. लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजना चला रही है और इसका सकारात्मक परिणाम भी निकला है.
उच्च शिक्षा में सहयोग के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गयी है. सरकारी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों की सुविधा के लिये मुफ्त वाइ-फाइ की सुविधा दी जा रही है.
राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमें अपने अतीत को नहीं भूलना चाहिए.उसको स्थापित करने का पूरा प्रयास करना चाहिए. शिक्षामंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि पूरी सरकार तत्पर है कि उच्च शिक्षा को राज्य में कैसे सुदृढ़ किया जाए. बिहार के ग्रोथ एनरॉलमेंट रेशियो को बढ़ाना है. सम्मेलन को प्रो दीपक नैय्यर व प्रो पंजाब सिंह ने भी संबोधित किया. इस मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव इएलएसएन बाला प्रसाद, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी मौजूद थे.
Prabhat Khabar Digital Desk
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