पटना : दवा व्यवसायी अनिल कुमार अग्रवाल. सौम्य छवि, मेहनतकश और तरक्की पंसद शख्स. घर के बड़े बेटे. सबसे पहले बिस्तर से उठ कर तैयार होना और 9 बजे तक दुकान पर पहुंच जाना उनकी दिनचर्या थी. इसके बाद उनके दोनों भाई मनीष, अमित और पिता संतोष अग्रवाल दुकान पर पहुंचते थे. 11 बजे दुकान में काम करने वाले अन्य कर्मचारी आते हैं.
सोमवार को भी ऐसे ही दिन की शुरुआत हुई थी. अनिल के दुकान के लिए निकलने के बाद परिवार के सदस्य पिता के साथ डाइनिंग टेबल पर ब्रेक फास्ट ले रहे थे. अनिल को घर से गये 19 मिनट हुआ था. अचानक मनीष का मोबाइल फोन बजता है. वह डाइनिंग टेबल से उठ कर फोन रिसीव करते हैं. उधर से जो सूचना मिलती है, उसे सुन अवाक रह गये. अनिल के मर्डर की मनहूस खबर दी गयी. मनीष के मुंह से क्या शब्द का जोर से उच्चारण हुआ और चम्मच हाथ से छूट गया. पूरा परिवार उनके पास पहुंच गया. सबकी जुबान पर एक सवाल, आखिर क्या हुआ. मनीष जोर से चिल्ला कर बोले, भाई का मर्डर हो गया. इसके साथ ही घर में कोहराम मच गया.
अनिल की पत्नी ज्योति अग्रवाल बदहवास होकर फर्श पर गिर पड़ी. इकलौता बेटा हर्ष अग्रवाल (13) भी मां से लिपट कर रोने लगा. वह कंकड़बाग में मिशराज स्कूल में पांचवीं में पढ़ता है. आज स्कूल नहीं गया था. पुलिस को जानकारी दी गयी. तत्काल एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी चंदन कुशवाहा पहुंच गये. एसएसपी देर शाम तक पीरबहोर थाने में बैठ कर मामले की जांच करते रहे.
साल भर पहले 50 लाख में खरीदा था मकान
अनिल अग्रवाल का दवा व्यवसाय बहुत अच्छा चल रहा था. शारदा घोष लेन में पहले उन्होंने एक दुकान ली थी. इसके बाद एक दुकान और ले ली. दोनों दुकान अमित जेनरिक के नाम से है. एक पर अनिल और दूसरे पर अमित बैठते हैं. इसके अलावा पिता संतोष अग्रवाल और दूसरे नंबर के भाई मनीष व्यवसाय में सहयोग करते हैं. पहले ये लोग किराये पर रहते थे.
बाद में शंभूनाथ अपार्टमेंट में छह साल पहले फ्लैट लेकर रहने लगे. एक साल पहले अनिल ने एक कट्ठे में बना हुआ मकान 50 लाख रुपये में रजिस्ट्री करायी है. पुलिस यह जांच कर रही है कि इस मकान को लेकर कोई विवाद तो नहीं है.
रविवार की देर रात देवी जागरण से लौटे थे : अनिल अग्रवाल मां वैष्णो देवी सेवा समिति के सदस्य थे. रविवार की रात वे बंगाली टोला में चल रहे देवी जागरण में गये थे. वहां देवी गीत पर खूब झूमे, देर रात घर आये थे. हालांकि सुबह समय पर उठ कर दुकान खोलने रोज की भांति गये थे.
हत्या के विरोध में दवा दुकानें बंद, 20 करोड़ का कारोबार प्रभावित
दवा व्यवसायी की हत्या के विरोध में गोविंद मित्रा रोड स्थित दवा मंडी सोमवार को बंद रही. इससे औसतन 20 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ. नाला रोड, कंकड़बाग, बोरिंग रोड में भी कई दवा दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी. बिहार केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन के आह्वान पर बुलायी गयी बंदी के बारे में सचिव संतोष कुमार ने बताया कि सभी होल सेल व आसपास के फुटकर दुकानें बंद रहीं. इससे मरीजों को काफी परेशानी हुई है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्जुन यादव ने बताया कि डीएम, एसपी और डीजीपी को लिखित में पत्र भेजा गया है. यदि अपराधी नहीं पकड़ायेंगे तो पटना सहित पूरे बिहार में दवा दुकानें बंद रहेंगी. व्यापारी आक्रोश रैली निकाल कर आगे की रणनीति बनायेंगे. इसके अलावा जीएम रोड में अलग से सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस प्रशासन की गश्ती आदि अस्थायी रूप से बढ़ाने आदि की मांग की गयी है.
गोली मारने के बाद थरथर कांप रहा था अपराधी, सभी की उम्र 18 से 20 के पासअनिल कुमार अग्रवाल की हत्या करने आये तीनों संदिग्धों के वीडियो फुटेज पुलिस को मिल गया है.
उनकी शक्ल पहचान में आ रही है. सभी 18-20 साल के लड़के हैं. पुलिस ने गर्ल्स हॉस्टल के अलावा तीन और जगह से फुटेज लिया है. एक फुटेज मेें साफ तौर पर दिख रहा है कि हाथ में पिस्टल लिये दुबला-पतला अपराधी गोली मारने के बाद थर-थर कांप रहा है. इससे साफ है कि यह ऐसे हमलावर थे, जो पहली बार घटना को अंजाम देने गये थे. यह भी साफ है कि हत्या कांट्रेक्ट किलर से करायी गयी है.
