जब लगि आवौं सीतहि देखी, होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी पटना. जब लगि आवौं सीतहि देखी़. होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी़ यह कहि नाइ सबन्हि कहुं माथा़ चलेउ हरषि हियं धरि रघुनाथा. यानि जब तक मैं सीताजी को देख कर लौट न आऊं. काम अवश्य होगा, क्योंकि मुझे बहुत ही हर्ष हो रहा है. यह कह कर और सबको मस्तक नवाकर तथा हृदय में श्री रघुनाथजी को धारण करके हनुमान जी हर्षित होकर चले. यह सुंदरकांड के पाठ के दौरान मंगलवार को महाराणा प्रताप भवन में आचार्य डॉ चंद्रभूषण जी मिश्र की ओर से प्रवचन में कहीं गयी. उन्होंने सुंदरपाठ में हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन व लंका से वापसी तक के घटनाक्रम के बारे में बताया. प्रवचन के पूर्व भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें एक हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे और पांच सौ से अधिक भक्तों ने एक साथ सुरंदकांड का पाठ किया. यह आयोजन हर साल आध्यात्मिक सत्संग समिति की ओर से किया जाता है, जो पूरे हर्ष के साथ वार्षिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है.
BREAKING NEWS
जब लगि आवौं सीतहि देखी, होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी
जब लगि आवौं सीतहि देखी, होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी पटना. जब लगि आवौं सीतहि देखी़. होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी़ यह कहि नाइ सबन्हि कहुं माथा़ चलेउ हरषि हियं धरि रघुनाथा. यानि जब तक मैं सीताजी को देख कर लौट न आऊं. काम अवश्य होगा, क्योंकि मुझे बहुत ही हर्ष हो रहा है. यह […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement