पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बुधवार को विश्वास मत हासिल कर लेने तक जदयू के सभी विधायक विधानसभा में मौजूद रहेंगे. सात सकरुलर रोड पर मंगलवार को हुई विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी विधायकों को सदन में सुबह के 10 बजे पहुंच जाने की हिदायत दी गयी. मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार आयोजित […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बुधवार को विश्वास मत हासिल कर लेने तक जदयू के सभी विधायक विधानसभा में मौजूद रहेंगे. सात सकरुलर रोड पर मंगलवार को हुई विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी विधायकों को सदन में सुबह के 10 बजे पहुंच जाने की हिदायत दी गयी. मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार आयोजित विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार का स्वागत किया गया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भाजपा पर जोर का हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा पार्टी तोड़ने का षड्यंत्र कर रही थी, लेकिन जदयू विधायकों की एकजूटता से इसे नाकाम कर दिया गया. उन्होंने विधायकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि भाजपा कहती थी कि जदयू के पचास से अधिक विधायक उनके संपर्क में है. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. भाजपा का हथकंडा कामयाब नहीं हुआ. जदयू ने अपने सहयोगी दलों की ताकत के साथ उसका मुकाबला किया.
विधायक दल की बैठक के बाद राजद,कांग्रेस के विधायक भी मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे जहां बुधवार को सदन में विश्वास मत हासिल करने को लेकर रणनीति पर मुहर लगी. जदयू विधानमंडल दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनके समर्थक माने जाने विधायक और विधान पार्षदों को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन नहीं आये. संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि दल के सभी विधायकों पर व्हीप लागू होगा. सभी 110 विधायकों को व्हीप की प्रति भेज दी गयी है.
इसके पहले विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार ने बताया कि कालाधन वापसी के मुदे पर जिस प्रकार केंद्र फंसा है उसी प्रकार भूमि अधिग्रहण मामले में भी उसे घेरेंगे. उन्होंने वह खुद प्रदेश कार्यालय में 24 घंटे तक उपवास पर बैठेंगे. उन्होंने पार्टी विधायकों से बजट सत्र की व्यस्तताओं के बावजूद अपने क्षेत्र में उपवास पर बैठने का सुझाव दिया.