पटना सिटी: चौक स्थित हरिहर भवन के कमरे से पुलिस को मिल रहे साक्ष्य व तथ्य से यह बात स्पष्ट हो रहा है कि समाजसेवी विद्यापति द्विवेदी उर्फ बच्चा बाबा (61 वर्ष ) की हत्या की गयी है. रविवार को एफएसएल की टीम जब कमरे की छानबीन कर रही थी, तब एक गोली का खोखा मिलने की बात सामने आयी. पुलिस इस मामले में फिलहाल कुछ भी बताने से इनकार कर रही है. देर शाम मामले की जांच के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज भी पहुंचे. बच्च बाबा की हत्या का मामला हाइ प्रोफाइल बनता जा रहा है.
घटना को अपराधियों ने इस तरह अंजाम दिया है कि पुलिस को साक्ष्य जुटाने में मशक्कत करनी पड़ रही है. रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को घर लाया गया. शनिवार को चौक थाना क्षेत्र के शहीद भगत सिंह चौक के हरिहर भवन स्थित आवास में वह अचेतावस्था में कमरे के अंदर पड़े थे. नाक, कान व सिर के पीछे हिस्से से खून का रिसाव हो रहा था. उस वक्त अटकलें लगायी जा रही थीं कि हाइ ब्लड प्रेशर की वजह से ब्रेन हैंबरेज से मौत हुई है, लेकिन घरवालों का कहना है कि उनको रक्तचाप की बीमारी नहीं थी.
बच्चा बाबा घर में अकेले ही रहते थे. साथ में उनका दस वर्ष पुराना कर्मचारी हनुमान झा व काम करने वाली वृद्ध दाई शांति देवी हनुमान झा का कहना है कि शनिवार की सुबह आठ बजे बाइक से उन्हें मंगल तालाब बैंडमिटन खेलने के लिए पहुंचाया था. घर वापस लौटने के बाद करीब दस बजे बाबा ने उन्हें बैंक से रुपये निकालने के लिए भेजा. उस वक्त दाई घर में थी. कर्मचारी का कहना है कि 11 बजे करीब गाय को चारा खिलानेवाला किशोरी सिंह लगातार उसके मोबाइल पर फोन कर रहा था. बैंक में होने की वजह से वह फोन नहीं उठा रहा था. बैंक से बाहर निकल कर उसने फोन किया, तब किशोरी ने बताया कि बाबा खून से लथपथ बेड पर पड़े हैं. वहीं , दाई ने पुलिस को बताया है कि वह छत पर कपड़ा फैलाने गयी थी.घर में किसी को आते-जाते नहीं देखा. वापस लौटने पर बाबा को खून से सना दिखा. पुलिस को सूचना दी गयी और बाबा को आनन-फानन में निजी उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गयी.
विदेश जाने की थी तैयारी
बच्च बाबा बड़ा बेटा आलोक कनाडा व छोटा बेटा अनंत ऑस्ट्रेलिया में हैं. पत्नी अप्रैल माह में बेटे के पास कनाडा गयी थी. जुलाई माह में बाबा भी बड़े बेटे के पास कनाडा जाने वाले थे. इससे पहले यह हादसा हो गया. घटना की खबर पाकर देहरादून में रहने वाली बेटी भारती व बड़ौदा से आरती रविवार को घर पहुंची. विदेश में रहने वाले बेटों का इंतजार किया जा रहा है. संभवाना है कि सोमवार को बेटा आ जायेगा.
तभी दाह संस्कार होगा. पुलिस बच्चा बाबा से जुड़े पुराने मामले को खंगाल रही है. बताया जाता है कि वर्ष 2007 में उन्होंने चौक थाना में मामला दर्ज कराया था, जिसमें सेठ निरंजन दास मुरारका संस्कृत महाविद्यालय की भूमि बेचे जाने से संबंधित था. इसके अलावा कई अन्य पहलू है, जिस पर पुलिस तहकीकात कर रही है.