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पटना : नल जल के साथ चापाकल मरम्मत की भी मॉनीटरिंग

पटना : पीएचइडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा है कि पिछले वर्ष की गर्मी को देखते हुए इस बार पेयजल के लिए नल जल योजना के साथ चापाकल की भी व्यवस्था होगी. इसके अलावा चापाकल व नल जल योजना में आने वाले यांत्रिक दोषों को दूर करने को ऑनलाइन मॉनीटरिंग की व्यवस्था विकसित की […]

पटना : पीएचइडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा है कि पिछले वर्ष की गर्मी को देखते हुए इस बार पेयजल के लिए नल जल योजना के साथ चापाकल की भी व्यवस्था होगी. इसके अलावा चापाकल व नल जल योजना में आने वाले यांत्रिक दोषों को दूर करने को ऑनलाइन मॉनीटरिंग की व्यवस्था विकसित की जायेगी. विभागीय मंत्री गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित सहयोग कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी चापाकलों की संख्या करीब साढ़े नौ लाख है.
इन्हें नियमित रूप से चालू रखने के लिए मरम्मती की आवश्यकता होती है. इसके लिए विभाग के स्तर पर समुचित कार्ययोजना तैयार की गयी है. परंतु इसमें शिकायतों की संख्या काफी ज्यादा रहती है और समय पर इनका रखरखाव नहीं हो पाता है. इसके मद्देनजर विभाग ने एक ऑनलाइन मॉडल विकसित किया है, जिसके माध्यम से शिकायतों का जल्द निबटारा हो सकेगा.
जीओ टैगिंग से जोड़ा जायेगा : इस ऑनलाइन प्रणाली के तहत सभी चापाकलों को जीओ टैगिंग के माध्यम से जोड़ा जायेगा और इनकी यूनिक आइडी होगी. सभी संबंधित चापाकलों की मरम्मती से संबंधित सभी जानकारी विभाग की वेबसाइट पर दर्ज रहेगी. इस पर चापाकल की मरम्मती, सामाजिक सत्यापन और इसकी लागत का भी पूरा विवरण रहेगा.
मरम्मत किये गये चापाकलों का पूरा विवरण दर्ज करने पर एक यूनिक आइडी मिलेगी. बिना इस आइडी को दर्ज किये भाउचर पारित ही नहीं होगा. अभी तक नौ लाख चापाकलों में सात लाख से ज्यादा की कोडिंग का काम पूरा हो चुका है. अगर किसी कारण से कोई चापाकल छूट गया है, तो कार्यपालक अभियंता की यह जिम्मेदारी होगी कि वे पहले संबंधित चापाकलों की जीओ टैगिंग कराये.
वित्त विभाग ने सभी विभागों से राशि सरेंडर करने को कहा
पटना : वित्त विभाग ने एक बार फिर से सभी विभागों से कहा है कि वे अपनी बैंक खातों में पड़ी बेकार या अनुपयोगी राशि को सरेंडर करने का निर्देश जारी किया है. सभी विभागों को 31 मार्च से पहले ऐसी राशि को सरेंडर करने की हिदायत दी गयी है. वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के लिए विभाग और उनके अधीन कार्यालयों के बैंक खातों में पड़ी राशि की समीक्षा करके इसे तुरंत राज्य सरकार के खजाने में जमा कराने को कहा है.
इस मामले को लेकर वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी विभागों को पत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि बजट में निर्धारित की गयी राशि का सही खर्च करने और बेवजह व्यय से बचाने के लिए यह प्रयास किया गया है. विभाग बैंक खातों में राशि को रखकर इसे खर्च में दिखा देते हैं. ऐसी स्थिति से बचाने के लिए यह व्यवस्था की गयी है.

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