पटना : किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), कृषि यांत्रिकीकरण योजना, स्वरोजगार योजना व पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम समेत अन्य सभी योजनाओं के आवेदन को ऑनलाइन करने की तैयारी चल रही है. इसके साथ ही बैंकों को ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के बाद निर्धारित समयसीमा में इसका निष्पादन करते हुए ऋण जारी करना भी अनिवार्य होगा. वित्त विभाग ने ऐसी सभी योजनाओं का आवेदन ऑनलाइन करने की व्यवस्था करने से संबंधित कवायद शुरू करदी है. इसके लिए सभी बैंकों से बात की जायेगी.
साथ ही वित्त विभाग इस व्यवस्था को लागू करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय से अनुरोध करेगा. वित्त मंत्रालय के स्तर पर भी सभी बैंकों को इससे संबंधित निर्देश जारी किये जायेंगे. साथ ही ऑनलाइन आवेदन करने से संबंधित व्यवस्था बहाल की जायेगी. इसमें किसानों, युवाओं व महिलाओं समेत अन्य से जुड़ी उन सभी योजनाओं के लिए आवेदन को ऑनलाइन भरने की योजना है.
नये वित्तीय वर्ष से इस नयी व्यवस्था के शुरू होने की संभावना है. बिहार में 678 पंचायतें ऐसी हैं, जहां किसी तरह की कोई बैंकिंग सुविधा नहीं है. ऐसे में बैंक जाकर केसीसी समेत किसी अन्य ऋण योजनाओं के लिए आवेदन करना किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है. यहां की 85 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में बसती है और कृषि इनका मुख्य पेशा है. इस तरह की ऑनलाइन व्यवस्था बेहद जरूरी होती है.
नये वित्तीय वर्ष से इस नयी व्यवस्था के शुरू होने की संभावना
आवेदकों को किया जाता है परेशान
सरकार बड़ी संख्या में ऋण देने वाली ऐसी योजनाओं में अनुदान तो देती है, लेकिन इसका लाभ बहुत बड़ी तादाद में किसानों को नहीं मिल पाता है. इसकी मुख्य वजह ऐसी योजनाओं के आवेदन में बैंकों के स्तर से लापरवाही बरतना है. स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं में युवाओं से जल्द आवेदन बैंक वाले लेते नहीं हैं,अगर लेते भी हैं, तो लंबे समय तक फाइलों में पड़े ही रहते हैं.
इसके अलावा लोन देने में तमाम तरह से परेशान किया जाता है. कई तरह के बेवजह कागजात मांगे जाते हैं. इन झंझटों से छुटकारा पाने के लिए यह नयी व्यवस्था की जा रही है. हाल में एसएलबीसी की बैठक में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी सभी बैंकों से केसीसी समेत अन्य ऋण योजनाओं के आवेदन ऑनलाइन करने की व्यवस्था बहाल करने के लिए बैंकों से कहा था.
