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पटना हाइकोर्ट का आदेश, बरामद शराब की बोतल की अब एफएसएल जांच जरूरी
पटना : पटना हाइकोर्ट में शराबबंदी कानून को तोड़ने वाले आरोपितों को जमानत याचिका पर फैसला अब शराब की बातलों की जांच रिपोर्ट आने के बाद होगा. कोर्ट ने शराब पीने के आरोप में पकड़े गये लोगों की जमानत याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए सरकार को कहा कि शराब की बोतलों की भी […]
पटना : पटना हाइकोर्ट में शराबबंदी कानून को तोड़ने वाले आरोपितों को जमानत याचिका पर फैसला अब शराब की बातलों की जांच रिपोर्ट आने के बाद होगा. कोर्ट ने शराब पीने के आरोप में पकड़े गये लोगों की जमानत याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए सरकार को कहा कि शराब की बोतलों की भी जांच करायी जाये. इससे पता चल पायेगा कि बोतल में शराब था या कुछ और.
जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ में शुक्रवार को शराब पीने के आरोप में पकड़े गये 40 अभियुक्तों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा गया कि जिस अभियुक्त को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है, क्या उसके द्वारा पी गयी बोतलों में मिली कथित शराब की एफएसएल जांच की जाती है. कोर्ट ने कहा कि पीने वाले लाेगों का केवल माउथ एनालाइजर जांच नहीं, बल्कि बोतल की एफएसएल जांच करना जरूरी है. जिस बोतल के आधार पर किसी को पकड़ा जाता है, उस बोतल में मिले द्रव्य की भी जांच होनी चाहिए कि उसमे था क्या.
कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव और उत्पाद आयुक्त को इस स्थिति में एक साथ सभी अभियुक्तों को जमानत देने की बात तो कही, लेकिन फिलहाल सभी मामलों को एक महीने तक स्थगित कर दिया.कोर्ट ने इस बीच उत्पाद विभाग को चार मार्च तक यह बताने को कहा कि जितने अभियुक्तों के मामलों की सुनवाई होनी है, उनमें से शराब पीने वाले कितने अभियुक्तों के पास पकड़ी गयी बोतलों की जांच विधि प्रयोगशाला में करायी गयी है. दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बड़ी संख्या में पकड़ी गयी बोतलों और पॉलिथिन को नष्ट कर दिया गया है.
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