पटना : 23 के पहले हटाएं अस्पतालों से अतिक्रमण
हाइकोर्ट. प्रधान व मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को दिये निर्देश पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों की जमीन से अतिक्रमण हटाने को लेकर सभी संबंधित प्रधान व मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को 23 जनवरी के पहले तक कार्रवाई करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश डॉ […]
हाइकोर्ट. प्रधान व मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को दिये निर्देश
पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों की जमीन से अतिक्रमण हटाने को लेकर सभी संबंधित प्रधान व मुख्य सचिव और जिलाधिकारी को 23 जनवरी के पहले तक कार्रवाई करने को कहा है.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने गुरुवार को यह निर्देश दिया. कोर्ट ने महाधिवक्ता ललित किशोर के आग्रह पर इस मामले को अगली सुनवाई के लिए गुरुवार 23 जनवरी को रखा है. महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि इस बीच वे सरकारी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों की सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारियों से विचार विमर्श कर लेंगे. अदालत ने महाधिवक्ता को यह स्पष्ट किया कि यदि जरूरत हो, तो अतिक्रमण हटाने को लेकर राज्य के मुख्य सचिव से भी विचार विमर्श किया जाये.
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
स्वास्थ्य विभाग से संबंधित दायर कई याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस राज्य में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं खुद गंभीर समस्या से ग्रसित हैं.
सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर व पारा मेडिकल कर्मियों की घोर कमी है. कोर्ट ने सभी मुद्दों से जुड़ी तमाम लोकहित याचिकाओं को सुनवाई करने के लिए 23 जनवरी को एक साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया. मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की वजह से यहां के बड़े अधिकारी राज्य से बाहर अपना इलाज कराते हैं और उनके इलाज खर्च का भुगतान बिहार सरकार को करना पड़ता है. अगर ऐसी बदहाली जारी रही, तो हाइकोर्ट इस राज्य सरकार के कर्मियों के मेडिकल री-इंबर्समेंट पर रोक लगाने का आदेश दे देगी.
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