पटना : नगर निगम होल्डिंग टैक्स की वसूली में पिछड़ने लगा है. चालू वित्तीय वर्ष के नौ माह में सिर्फ 43.5 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है, जबकि, पिछले वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ से अधिक की वसूली हो चुकी थी. चालू वित्तीय वर्ष के लिए निगम प्रशासन ने होल्डिंग से 110 करोड़ वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन, होल्डिंग टैक्स वसूल रही एजेंसी के साथ समन्वय नहीं है.
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कर्मियों की कमी से होल्डिंग टैक्स वसूलने में पिछड़ रहा नगर निगम
पटना : नगर निगम होल्डिंग टैक्स की वसूली में पिछड़ने लगा है. चालू वित्तीय वर्ष के नौ माह में सिर्फ 43.5 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है, जबकि, पिछले वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ से अधिक की वसूली हो चुकी थी. चालू वित्तीय वर्ष के लिए निगम प्रशासन ने होल्डिंग से 110 करोड़ वसूलने […]
यही वजह है कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार न टैक्स की वसूली हो रही है और न ही एजेंसी के बकाया कमीशन का समय से भुगतान किया जा रहा है. इससे एजेंसी में कार्यरत 50 से अधिक कर संग्राहकों ने नौकरी छोड़ दी है, जिससे टैक्स वसूली में परेशानी हो रही है.
हालांकि, शनिवार को नगर आयुक्त ने मार्च तक के कमीशन के भुगतान का आदेश दिया है. होल्डिंग टैक्स के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निगम अधिकारी व एजेंसी मिल कर वार्ड स्तर पर कैंप लगायेंगे, ताकि अधिक-से-अधिक टैक्स की वसूली हो सके. निगम अधिकारी ने बताया कि कैंप में प्रोपर्टी टैक्स रिटर्न भरने के साथ-साथ तत्काल टैक्स राशि भुगतान की व्यवस्था की जायेगी.
होल्डिंग से बाहर दो लाख मकान
निगम क्षेत्र में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या साढ़े चार लाख के करीब है, जिनमें सिर्फ 2.35 लाख मकान ही होल्डिंग टैक्स की दायरे में हैं.
इनमें सरकारी भवनों से नियमित टैक्स की वसूली नहीं होती है. इससे इन भवनों पर 25 करोड़ का बकाया है और नोटिस दिये जाने पर भी भुगतान नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं, लक्ष्य के अनुरूप नये मकानों को टैक्स के दायरे में नहीं लाया जा रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक सिर्फ 10 हजार मकानों को टैक्स के दायरे में लाया जा सका है.
निगम की जमीन पर बुडको का कब्जा, शीघ्र कराया जायेगा खाली
पटना. राजधानी के बेऊर में निगम की जमीन है, जहां आधी-अधूरी जलमीनार बनी है. इस जलमीनार के आसपास बुडको का कब्जा है. बुडको की एजेंसी ने घेराबंदी कर इस जगह पर सामान रखा हुआ है. निगम अधिकारी ने बताया कि बुडको और कब्जा किये एजेंसी की ओर से एनओसी नहीं ली गयी है.
इसके बावजूद घेराबंदी कर वर्षों से निगम की जमीन पर कब्जा किया गया है. अब निगम प्रशासन की ओर से शीघ्र कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया जायेगा. दरअसल, बेऊर जलमीनार को दुरुस्त करने को लेकर एजेंसी चयनित की गयी है.
चयनित एजेंसी को वर्क ऑर्डर भी दे दी गयी है. निगम की एजेंसी कार्य शुरू करने पहुंची, तो जमीन पर कब्जा मिला. इससे काम शुरू नहीं की जा सकी है. निगम की एजेंसी ने नगर आयुक्त से शिकायत करते हुए कहा है कि शीघ्र जलमीनार के आसपास के भूखंड को खाली करा कर उपलब्ध कराएं, ताकि योजना पर काम शुरू की जा सके. एजेंसी की शिकायत पर निगम शीघ्र कार्रवाई करेगी.
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