पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ‘जल जीवन हरियाली’ अभियान के शुभारंभ के मौके पर ज्ञानभवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से मुकाबले के लिए अगले साल एक दिन में 2.51 करोड़ पौधे लगाये जायेंगे तथा इसके लिए 5 करोड़ पौधों की नर्सरी विकसित की जा रही है. अभियान के तहत अगले तीन वर्षों में खर्च होने वाले कुल 24,524 करोड़ में से वन विभाग 4,092 करोड़ खर्च करेगा. नर्सरी और मनरेगा के साथ पौधारोपण पर 2,756 करोड़ तथा जल संरक्षण के लिए चेक डैम के निर्माण पर 1,326 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है.
सुशील मोदी ने कहा कि अगले तीन वर्षों में 7 करोड़ 70 लाख पौधे लगा कर बिहार के हरित आवरण को समृद्ध किया जायेगा. इस साल वन महोत्सव के दौरान डे़ढ़ करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 1.12 करोड़ पौधे लगाए गए हैं. इसके अतिरिक्त कृषि वानिकी के तहत जनवरी-फरवरी में 20 लाख पोपुलर के पौधे लगाए जायेंगे. उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों 2020-21 और 2021-22 में प्रतिवर्ष 50 हजार हेक्टेयर वन भूमि में भूजल संरक्षण का कार्य किया जायेगा. इस साल 2019-20 में 45 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त वन भूमि में भू-जल संरक्षण की योजनाएं कार्यान्वित की जायेगी.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पाॅलिथिन बैग पर पहले से ही प्रतिबंध है. सिंगल यूज प्लास्टिक, थर्मोकोल से बने प्लेट, ग्लास, थाली आदि के प्रयोग को रोकने व लोगों की आदत बदलने के लिए सरकार जागरूकता अभियान चलायेगी. पटना की वायु गुणवत्ता की जांच के लिए अभी मात्र तारामंडल के पास एक केंद्र कार्यरत है. 30 नवंबर तक चार और जगहों सगुना मोड़, आईजीआईएमएस, इको पार्क और एनआईटी के पास जांच केंद्र स्थापित किए जायेंगे. प्रत्येक की लागत 1.25 करोड़ आयेगा.