पटना : बिहार में विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेसकेनेताओं ने प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंहके132वींजयंती समारोह के मौके पर उन्हें "भारत रत्न" दिए जाने की मांग सोमवार को की. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा ने इस आशय का प्रस्ताव रखा जिसे उपस्थित जनसमूह ने समर्थन दिया. इस मौके पर पार्टी नेताओं ने श्री बाबू व अनुग्रह बाबू सहित पार्टी के अन्य नेताओं के मूल्यों और विरासत को लेकर गांव-गांव तक जाने का संकल्प लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि आनेवाले समय की चुनौतियां से निबटने के लिए पार्टी के हर कार्यकर्ता को तैयार रहना होगा.
स्थानीय मिलर हाइस्कूल प्रांगण में सोमवार को आयोजित श्री कृष्ण सिंह जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कांग्रेस के एआइसीसी सदस्य व प्रदेश के प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि जिस समय लोग गुड गवर्नेंस की परिभाषा नहीं जानते थे, उस समय श्री बाबू ने राज्य में इसे लागू किया था. उनके कार्यकाल में बरौनी रिफाइनरी, बोकारो स्टील, हेवी इलेक्ट्रिकल्स व दामोदर वैली कॉरपोरेशन जैसे उद्योगों की स्थापना की गयी. उन्होंने कहा कि भाजपा को माफी मांगे बिना श्री बाबू की जयंती मनाने का हक नहीं है.
प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा ने बताया कि श्री बाबू का योगदान देश की आजादी की लड़ाई के सभी आंदोलनों में रहा है. वह अपने समय के विरोधियों से भी चुनाव के बाद प्रेम का भाव रखते थे. कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने उनको याद करते हुए कहा कि श्री बाबू की प्रशासनिक क्षमता अद्वितीय थी. उन्होंने बिहार विधानसभा में जमींदारी उन्मूलन का बिल लाया था.
वहीं, बिहार कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पार्टी छठ के बाद दो-तीन महीने तक राज्य में महागठबंधन दलों के साथ राजनीतिक अलख जगाने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि दलितों, अल्पसंख्यकों के सवाल पर पार्टी जनता के बीच जायेगी. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में श्री बाबू की जयंती मनायी गयी. यहां पर नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया.