पटना : सरकार के द्वारा पैक्सों में भंडारण की सुविधा एवं अधिप्राप्ति कार्य की व्यवस्था की गयी है जो कि बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि है. आज किसानों की आय वृद्धि में सहकारिता का बहुत बड़ा योगदान है, जिसके तहत किसानों को फसल सहायता योजना, पैक्स प्रोत्साहन योजना और अन्य कृषि यंत्रों जैसे लाभकारी योजनाओं का प्रारंभ किया गया है.
यह बातें शुक्रवार को बिहार को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमेटेड की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय सेमिनार में संस्था के अध्यक्ष विनय कुमार शाही ने कही. उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने की मांग की और कहा कि पैक्सों की खाली पड़ी जमीन पर सहकारिता विभाग द्वारा फलदार वृक्ष लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाये जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी.
कार्यक्रम का उद्घाटन सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने किया और कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये पैक्स अधिकारी और संस्था के सदस्यों के बीच किसानों के लागत मूल्य में सहायता प्रदान करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सहकारिता का उद्देश्य ही किसानों और समाज के पिछड़े लोगों को सहायता पहुंचाना है.
मंत्री ने संस्था की ओर से फेडरेशन भवन बनाने के लिए प्रस्ताव की मांग की और कहा कि विभाग की ओर से उसे बनवाने की हर संभव कोशिश रहेगी.
मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने को-ऑपरेटिव फेडरेशन द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कृषि फीडरों के विकास की बात की ताकि किसानों के लागत मूल्य में कुछ कमी आ सके. उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र को और मजबूत करना होगा तभी किसानों का संपूर्ण विकास होगा. संस्था के अध्यक्ष विनय कुमार शाही ने महीने में एक बार पैक्सों में स्वास्थ्य शिविर लगाने की अपील की ताकि बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके.
कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री राम सेवक सिंह ने फेडरेशन की द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की और किसानों की आय दुगुनी करने पर अपने विचार रखे और खेती के साथ-साथ मत्सय पालन को भी बढ़ावा देने की बात कही. इस अवसर पर को-ओपरेटिव फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सिंह ने किसानों के समर्थन मूल्य को दोगुना करने की मांग की और कहा कि इससे खेती को बढ़ावा मिलेगा.
फेडरेशन की मांग
-व्यापार मंडल के कार्यों की देख रेख के लिए प्रबंधक की नियुक्ति की जाये
– बिहार को-ऑपरेटिव फेडरेशन के खाली जमीन पर फेडरेशन भवन की स्थापना की जाये
– जिन व्यापार मंडलों में
गोदाम नहीं है उसमें गोदाम
बनाया जाये
– व्यापार मंडल के अध्यक्षों एवं सदस्यों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाये